दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हुई हत्या, हाईकोर्ट में दायर की याचिका
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में गोहत्या के आरोप में दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हुई हत्या के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में गोहत्या के आरोप में दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हुई हत्या के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि याचिका सिर्फ अनुमानों के आधार पर दायर की गई है। उसके समर्थन में किसी प्रकार के साक्ष्य पेश नहीं किए गए हैं। युगलपीठ ने बिना साक्ष्य हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
गढा गौडवाना संरक्षण संघ सिवनी के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार कुमरे की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि गोहत्या के शक में ग्राम सिमरिया निवासी दो आदिवासी युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा एक युवक मारपीट के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया था। याचिका में कहा गया था कि तहसीन एस. पूनावाला बनाम भारत संघ और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को गंभीर मानते हुए निवारक उपाय, उपचारात्मक उपाय, दंडात्मक उपाय तैयार करने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। जिसका पालन करना केन्द्र व राज्य सरकार का दायित्व है।
याचिका में प्रदेश के केन्द्र सरकार, प्रमुख सचिव गृह विभाग, चेयरमैन नेशनल कमीशन फॉर एसटी, चेयरमैन नेशनल कमीशन फॉर एससी, चेयरमैन एनएचआरसीआई को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिका में किसी प्रकार के तथ्यात्मक साक्ष्य नहीं हैं कि सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया। सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता एचएस रूपराह ने पैरवी की