इंदौर न्यूज़: केंद्र सरकार प्रस्तावित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटक्शन बिल में व्यापार की शुरुआत कर रहे अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स को कुछ नियमों में छूट देने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से इस पर विचार किए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि नियमों का पालन करने के कारण इनोवेशन देश से बाहर ना जाए. हालांकि यह छूट स्टार्टअप्स को एक निश्चित समय के लिए ही होगी. स्टार्टअप्स जिन्हें अपने उत्पादों को विकसित करने के लिए डेटा मॉडलिंग आदि की जरूरत होती हैं, उन्हें निश्चित समय के लिए छूट दी जा सकती है.
डेटा शेयरिंग की सिर्फ इन्हें इजाजत: डीपीडीपी बिल में केवल केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित डेटा फिडुशियरी और डेटा प्रोसेसिंग संस्थाओं को ही डेटा कलेक्शन, डेटा शेयरिंग और डेटा प्रोसेसिंग की इजाजत दी गई है. प्रस्तावित बिल में आइटी एक्ट से किसी व्यक्ति का डेटा चोरी होने पर मुआवजे के प्रावधान को हटाया गया है. सरकार नहीं चाहती लोग बिल का गलत उपयोग करें.
बजट सेशन में संसद में पेश हो सकता है बिल: 17 दिसंबर तक इस बिल के ड्राफ्ट पर आम लोग राय दे सकते हैं, जिसके बाद आने वाले बजट सत्र में इसे पेश किया जा सकता है. पिछले हफ्ते केंद्रीय आइटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि प्रस्तावित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटक्शन बिल में डेटा चोरी होने पर किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कंपनी को छूट नहीं दी जाएगी.