इंदौर न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) ने योजना-97 व 97 पार्ट-4 में समाहित जमीनों का भौतिक सत्यापन की शुरुआत कर दी है. पिछले दिनों आइडीए अफसरों ने राजस्व विभाग के अफसरों के साथ खसरा शीट पर जमीनों की स्थिति देखी. दूसरी ओर जमीनों की वास्तविक स्थिति देखने के लिए आइडीए गूगल शीट का भी उपयोग कर रहा है. योजना की जीआइएस मैपिंग की जा रही है. इससे योजना के सभी भागों की जमीनों की वस्तुस्थिति सामने आ सकेगी. निजी विकास की अनुमतियों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है.
जानकारी के अनुसार राजस्व अमला व आइडीए अफसर मौके पर जाकर जांच कर रहे हैं. इसमें कई जमीनों पर अस्थाई शेड बना कर जमीन मालिक काम कर रहे हैं. हालांकि, जमीनों के खसरे व बंटाकन में बहुत सी मुश्किलें आ रही थीं. इसको देखते हुए राजस्व विभाग से भी मदद के लिए आरआइ व पटवारी को मौके के नजरी नक्शे के साथ बुलाकर बैठक की जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट का एक फॉर्मेट है, जिसके अनुसार कार्रवाई चल रही है. इसमें कुछ समय और लगेगा. अफसरों ने योजना को गूगल मैप पर भी मार्क करने के निर्देश दिए हैं. यह कार्य भी शुरू हो गया है. योजना के एक-एक खसरे की स्थिति देखी जा रही है. याचिकाकर्ताओं व अन्य जमीन मालिकों की जमीनों की स्थिति को भी मार्क कर रहे हैं. इससे तकनीकी रूप से भी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.
एनओसी की भी कर रहे जांच: आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा व सीईओ आरपी अहिरवार ने भू-अर्जन व योजना शाखा से जमीनों को छोड़ने के लिए जारी एनओसी के रिकार्ड भी खंगालने के लिए कहा. इससे इसका पता चल सकेगा कि कानूनी तौर पर विवादित जमीनों पर तो निजी विकास की एनओसी जारी नहीं है. इसके अलावा मौके पर यदि जमीन पर किसी तरह का निर्माण मिल रहा है तो उसे भी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा जा रहा है.