सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के केवलारी तहसील में कूट रचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके जिंदा व्यक्तियों को मृत बताकर 11.16 करोड़ रुपए के गबन के मामले में केवलारी तहसील में पदस्थ रहे तत्कालीन तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा को जबलपुर संभागायुक्त ने निलंबित कर दिया है।
संभागायुक्त जबलपुर संभाग बी चन्द्रशेखर द्वारा कल जारी आदेश में बताया गया कि तत्कालीन केवलारी तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा के डीडीओ लागिंन पासवर्ड से राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के अंतर्गत सर्पदंश, बिजली गिरने और अन्य क्षतिपूर्ति के तहत प्रभावित व्यक्तियों अथवा मृत व्यक्तियों के निकट वारसानों को 11 करोड़ 16 लाख के फर्जी भुगतान के मामले में कलेक्टर सिवनी के आदेश पर गठित समिति ने मजिस्ट्रीयल जांच करायी थी।
जांच समिति ने विगत 11 जनवरी को जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जहां पाया गया कि 80 देयकों में से कुल 273 बार संदेहस्पद वेंडरों के माध्यम से 10 करोड़ 92 लाख रूपये की शासकीय राशि का गबन हुआ है। गबन की इस राशि में से गौरीशंकर शर्मा तत्कालीन तहसीलदार केवलारी तथा वर्तमान पदस्थापना तहसीलदार लखनादौन के डीडीओ प्रभार अवधि 22 जुलाई 2019 से 11 अक्टूबर 2020 के दौरान 52 लाख रूपये का फर्जी भुगतान कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर होना पाया गया।
संभागायुक्त बी चन्द्रशेखर ने आदेश में लेख किया है कि गौरीशंकर शर्मा ने तहसीलदार आहरण व संवितरण अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए अपने दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती है जिसके कारण शासन को वित्तीय क्षति हुई। कलेक्टर सिवनी द्वारा गौरीशंकर शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी, जिसके आधार पर उन्हे निलंबित कर मुख्यालय सिवनी में संलग कर दिया गया है।