खरगोन हिंसा की कहानी घायल SP की जुबानी, क्या कुछ हुआ था किया खुलासा

Update: 2022-04-13 10:04 GMT

खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा में घायल हुए जिले के एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने घटना को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि दंगाई मौके पर तलवारों के साथ थे, जब उन्होंने एक दंगाई से तलवार छीनने की कोशिश की तो उसके साथी ने उन पर गोली चला दी।

चौधरी ने बताया, 'जब मुझे पता लगा कि वहां सांप्रदायिक झड़प हुई है तो मैं मौके पर पहुंचा। वहां मैंने एक युवक को तलवार लिए देखा तो मैं उसके पीछे दौड़ा। जैसे ही मैंने उससे तलवार छीनने की कोशिश की, तो मेरा अंगूठा कट गया।' उन्होंने कहा, 'इसके बाद मैंने उसे फिर से पकड़ने की कोशिश की, तभी उसके साथी ने मुझ पर गोली चला दी, जिससे मेरा पैर घायल हो गया।' हालांकि चौधरी को सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन उन्हें पूरी तरह आराम करने की सलाह दी गई है।
खरगोन के अडिशनल कलेक्टर सुमेर सिंह मुजाल्दे ने कहा कि 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया था। जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौके पर आगजनी भी हुई और कई वाहनों के साथ घरों में आग लगा दी गई। इस सांप्रदायिक झड़प में तीन पुलसकर्मी भी घायल हुए हैं। घटना के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इलाके के लोगों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई है कि वे मेडिकल इमर्जेंसी को छोड़कर बाहर न निकलें। हिंसा को लेकर अब तक करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दूसरी ओर राज्य सरकार ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है। वहीं, भोपाल में मौलवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की और कहा कि सेंधवा और खरगोन में रामनवमी के जुलूस में शामिल लोगों ने मस्जिदों पर भगवा झंडा फहराया और आपत्तिजनक नारे लगाए, जिससे हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और झड़पों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।

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