विश्व प्रसिद्ध सांची शहर के नागरिकों के घरों और सरकारी कामों में होने वाले बिजली खर्च में सालाना सात करोड़ की बचत होगी। सांची की पहचान विश्व धरोहर स्थल के रूप में है। अब सांची को प्रदेश की पहली सोलर सिटी की नई पहचान मिल गई है। सांची अब रात में भी जगमगाने लगा है। यह रोशनी का का शहर बन गया है।
चाय की दुकान चलाने वाले अनिकेत कुशवाह कहते हैं कि सड़क पर लगी सोलर लाइट से हमारी दुकान में भी रोशनी रहती है। सांची शहर के वार्ड दस में रहने वाले मनोज राजपूत का कहना है कि मुख्य मार्ग पर सब जगह सोलर लाईट लग गई है। सौर ऊर्जा का महत्व अब समझ में आ रहा है। हमारे बच्चों का भी ज्ञान बढ़ रहा है। सोलर लाइट के बारे में वे कई सवाल करते हैं।
सीएम राईज स्कूल सांची में कक्षा 9 के छात्र राजीव ठाकुर कहते हैं कि - हम बिलौरी गांव में रहते हैं । अक्सर रात में सांची आना जाना पड़ता है। पहले अंधेरा रहता था। अब सड़कों पर काफी रोशनी है। हमने सौर ऊर्जा के बारे में पढ़ा था। अब हमारे सामने पूरा सिस्टम लगा है। जिला कलेक्टर और सभी अधिकारियों को हम हमारे दोस्तों की ओर से धन्यवाद देना चाहते हैं।
अन्य छात्र आर्यन साहू इस बात से खुश है कि कोचिंग से घर जाने में लेट भी हो जाते है समस्या नहीं होती। वार्ड 10 के किराना व्यापारी गौरव सिंह कहते हैं कि पहले बिजली जाने पर हमें परेशानी होती थी। दुकान और घर के सामने अंधेरा हो जाता था। अब शाम होते ही सोलर लाईट चालू हो जाती है।
वार्ड 7 में रहने वाले विमल धानक कहते हैं कि सांची में आने वाले पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिल गई है। सब जगह रोशनी हो गई है। स्तूप जाने वाली रोड पर लोगों के बैठने के लिए चेयर लग गई है यहां सौर ऊर्जा से मोबाईल भी चार्ज कर सकते हैं। हमारे शहर में ऐसा बदलाव देखकर हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं।
मेडिकल दुकान के संचालक सत्येंद्र सोनी कहते हैं सौर ऊर्जा को किताबों में ही पढ़ा था। अब देख भी लिया। घरों में सौर ऊर्जा से उपकरण चलेंगे तो बिजली खर्च में कमी आयेगी।
श्रीमती सुनीता देवी गृहिणी हैं और उन्होने सांची सोलर सिटी बनते ही ठान लिया कि टीवी, पंखा सब सोलर से ही चलायेंगे। वे बताती हैं कि उनके वार्ड 12 में सौर ऊर्जा लाईट के कारण रात में भरपूर उजाला रहता है। वार्ड 12 की ही रहने वाली हेमलता वर्मा गृहिणी हैं। वे कहती हैं कि सांची का मध्यप्रदेश की पहली सोलर सिटी बनना हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। इसी वार्ड की निधि राजपूत एवं ईशु राजपूत बताती हैं कि हमारी और हमारे शहर की पहचान बढ़ गई है।