पूर्व ने अभी के ऊर्जा मंत्री पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- बिजली कंपनी के 96 कर्मचारी और 11 गाड़ियां तैनात

बिजली संकट को लेकर सियासत (Politics) चरम पर है.

Update: 2021-09-01 03:50 GMT

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भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली संकट को लेकर सियासत (Politics) चरम पर है, लेकिन अब बिजली कंपनियों (Power Companies) में तैनात स्टाफ को लेकर सियासत खड़ी हो गई है. पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर पर बड़ा आरोप लगाया है. प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि बिजली कंपनियां कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर की सेवा में बिजली कंपनी के 96 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. प्रियव्रत सिंह ने ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर की सेवा में बिजली कंपनी की 11 गाड़ियां अटैच होने का भी आरोप लगाया है.

पूर्व मंत्री का कहना है कि प्रदेश में बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री इंकार कर रहे हैं. जबकि खुद ऊर्जा मंत्री ने अपने निवास पर बिजली कर्मचारियों की भारी तैनाती करके रखी है. बावजूद इसके उन्हें बिजली संकट की जानकारी नहीं है. यह आश्चर्यजनक है. जबकि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मान रहे हैं कि राज्य में बिजली का संकट है. पूर्व मंत्री ने इस बात को लेकर सवाल पूछा है कि आखिर ऊर्जा मंत्री के स्टाफ में 96 कर्मचारियों की तैनाती का मकसद क्या है.
मामले में पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह के आरोपों पर ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर ने जवाबी हमला बोला है. तोमर ने कहा है कि मेरे कार्यकाल में बिजली की सेवा को लेकर बेहतर काम किया जा रहा है और इसके लिए स्टाफ की जरूरत है कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की तुलना में अब ट्रिपिंग कम हो गई है. बिजली कंपनियों के कामकाज पर निगरानी के लिए कर्मचारियों को लगाया गया है. जनता के लिए काम करेंगे तो स्टाफ की जरूरत पड़ेगी. व्यक्तिगत सेवा में कोई स्टाफ नहीं लगाया गया है. जनता की सेवा के लिए बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए यदि जरूरत होगी तो स्टाफ को बढ़ाया जाएगा. संसाधनों को बढ़ाया जाएगा. पूर्व मंत्री प्रियव्रत के ऊर्जा मंत्री के यहां 11 गाड़ी अटैच करने के आरोप पर कहा है इसकी जानकारी मुझे नहीं है. कितनी गाड़ियां कहां लगी है इसकी जानकारी लूंगा.
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