महिला सशक्तीकरण की ओर बढ़ते कदम, स्टार्टअप से लेकर तकनीकी ज्ञान में दे रही है अहम योगदान

Update: 2023-01-07 08:26 GMT

भोपाल न्यूज़: महिलाएं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मजबूती से कदम बढ़ा रही हैं. स्टार्टअप से लेकर तकनीकी ज्ञान में वह अहम योगदान दे रही हैं. सरकार की वर्ष 2030 तक अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी 5 ट्रिलियन तक यानी आधी भागीदारी बढ़ाने की योजना है.

राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में महिलाओं ने कई उत्पाद प्रदर्शित किए हैं. सेंट्रल लेदर इंस्टीट्यूट चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ. इंदिरासिस दास ने बताया कि स्थानीय महिलाओं को व्यापार से जोड़ने के लिए मछली के बचे अवशेष से बेल्ट, जूट के बैग, सिल्क के बचे रॉ मटिरियल से पर्स बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महिलाएं बहुत अच्छे उत्पाद तैयार कर रही हैं.

महाराष्ट्र की सुमित्रा कोहले, अनामिका दास, भूमिका शिंदे और सुनयना ने स्थानीय स्तर पर गुड़ की टॉफी, अगरबत्ती और चूर्ण बनाए हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इन्हें तकनीकी सहायता प्रदान की है. उनके स्टार्टअप की ब्रांडिंग की व्यवस्था की है. राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2030 तक 50 फीसदी लोकल उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है.

कर्नाटक और केरल की यूनिवर्सिटी की छात्राओं और महिलाओं ने बाजरे और नारियल से बिस्किट तैयार किए हैं, जिनका मार्केट कैप आने वाले पांच साल में 100 करोड़ रुपए तक पहुंचने के आसार हैं. सुनीता एम ने बताया कि कैंडी, पिज्जा और क्रीम रोल भी तैयार करने के लिए अनुसंधान जारी है.

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की सचिव डॉ. ाया कि महिलाओं को आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग विशेष योजना बना रहा है. इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे अहम है. महिलाओं ने कृषि, उद्यमिता और घरेलू उत्पाद में कई स्टार्टअप लगाए हैं. ग्रामीण क्षेत्र में भी महिलाएं इस ओर जागरूक हो रही हैं.

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