भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में वर्तमान में रखे गए कुछ चीतों को आने वाले महीनों में नए आवासों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वन अधिकारियों के अनुसार, प्रस्ताव पहले से ही 'चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट' का हिस्सा था, लेकिन रविवार को नर अफ्रीकी चीता 'उदय' की अचानक मौत के बाद नया प्रस्ताव बनाया गया है।
मध्य प्रदेश वन और वन्यजीव विभाग ने दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए कुछ वैकल्पिक आवासों के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे.एस. चौहान ने कहा कि 748 वर्ग किलोमीटर में फैले केएनपी में एक समय में अधिकतम 21 चीतों को समायोजित करने की क्षमता है। हालांकि, प्रत्येक चीता को घूमने के लिए एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस संख्या को कम करने की आवश्यकता है।
जे.एस. चौहान ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, सभी चीतों को एक जगह रखना जोखिम भरा होगा और इसलिए मैंने केंद्र से उनमें से कुछ को स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक स्थान खोजने का अनुरोध किया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने चीतों को केएनपी से स्थानांतरित किया जाएगा।
कुल 20 चीतों (नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12) को केएनपी बाड़े में दो चरणों में छोड़ा गया था, जिनमें से दो की एक महीने के भीतर मौत हो गई है। मादा नामीबियाई चीता 'साशा' की 27 मार्च को गुर्दे से संबंधित बीमारी से मृत्यु हो गई, जबकि अफ्रीकी नर चीता, जिसे पिछले सप्ताह 'उदय' नाम दिया गया था, की रविवार को हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।
वन मंत्रालय की देखरेख में बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा 'प्रोजेक्ट चीता' की निगरानी की जाती है। यह नए आवासों और स्थानांतरित किए जाने वाले चीतों की संख्या को अंतिम रूप प्राधिकरण ही देगा। हालांकि, सूत्रों की माने तो कम से कम चार-पांच चीतों (नर और मादा दोनों) को एक नए आवास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सबसे अधिक संभावना है कि चीतों को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) में स्थानांतरित किया जाएगा जो राजस्थान के कोटा जिले में स्थित है। रिपोटरें के अनुसार, चीता विशेषज्ञों ने भी एमएचटीआर को चीतों के लिए सर्वोत्तम संभव साइट के रूप में सुझाया है क्योंकि इसे जोखिम प्रबंधन योजना में भी शामिल किया गया था।
--आईएएनएस