स्मार्ट सिटी कंपनी किराए पर ली गई 5500 स्मार्ट वॉच वापस करेगी
अफसरों की उड़ी नींद
इंदौर: नगर निगम में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को पांच साल पहले दी गई स्मार्ट वॉच अब जमा करने के आदेश दिए गए हैं. अब अफसरों की नींद उड़ गई है, क्योंकि उन्हें ये घड़ियां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में अब उन्हें 8500 रुपए अपनी जेब से चुकाने पड़ सकते हैं.
पांच साल पहले 2018 में इन घडियों को नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों को दिया गया था. उद्देश्य था कि मैदानी अमले की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा सके. घडियों में इंस्टाल जीपीएस से मॉनिटरिंग की जाती थी. अब सात दिन में सभी घडियों को सेंट्रल स्टोर में जमा कराने का लिखित आदेश जारी किया है. स्मार्ट सिटी ने एक एजेंसी से 5500 स्मार्ट वॉच ली थी. इनमें एक घड़ी का किराया 350 रुपए प्रतिमाह तय किया गया था. 2018 में दी गईं घड़ियां कुछ समय तक तो उपयोग की गईं, लेकिन उसके बाद इसकी मॉनिटरिंग होना बंद हो गई. धीरे-धीरे नगर निगम कर्मियों ने इन घडियों को पहनना बंद कर दिया. अब सभी विभागों के प्रमुखों को सात दिनों में स्मार्ट घड़ी और उसका चार्जर जमा कराने का आदेश मिला है. इससे कई अफसर परेशान हैं, क्योंकि स्मार्ट वॉच नहीं मिल रही.
स्मार्ट सिटी कंपनी ने स्मार्ट वॉच जमा कराने को कहा है. इस पर हमने अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश जारी कर सात दिनों में घड़ी जमा कराने को कहा है. यह घडियां स्मार्ट सिटी को दी जाएगी. इसके अतिरिक्त कार्यवाही स्मार्ट सिटी की ओर से होगी
मनोज पाठक, अपर आयुक्त, नगर निगम
2018 में सरकारी एजेंसी के माध्यम से ही घडियां किराए पर ली गई थीं. यह तीन वर्षो के लिए प्राथमिक अनुबंध था. कुछ समय तक ही यह घडियां सक्रिय थीं. कंपनी से चर्चा हुई है कि जब तक घड़ी उपयोग हुई है तब तक का ही किराया लें. कंपनी ने अभी दो करोड़ की मांग की है. फिलहाल घड़ी जमाकर अनुबंध करार खत्म कर रहे हैं.
दिव्यांक सिंह, सीईओ, स्मार्ट सिटी