2 साल में भी विकसित नहीं हो सका सरस्वती नदी प्राकृतिक पथ

Update: 2023-02-10 06:07 GMT

इंदौर न्यूज़: कान्ह-सरस्वती नदी किनारे सौंदर्यीकरण का काम नगर निगम ने 4 साल पहले शुरू किया था. इस दौरान 2 साल पहले नगर निगम ने लोखंडे ब्रिज के पास की खाली जमीन पर सरस्वती नदी प्राकृतिक पथ बनाना शुरू किया था. इस दौरान यहां हजारों की संख्या में पौधे लगाए गए थे, जिनमें फलदार और सघन वृक्ष प्रजाति के पौधे भी शामिल थे.

नगर निगम अफसरों ने दावा किया था कि इस जगह पर पौधों के विकसीत होने पर यहां पर कई तरह के पक्षी जो शहर में देखने को नहीं मिलते हैं, उन्हें यहां पर आशियाना मिल सकेगा. लेकिन, दो साल तक इन पौधों की देखरेख ही नहीं की गई, जिसके कारण यहां सड़क के सामने की ओर तो कुछ पौधे लगे हुए जरूर दिख जाएंगे, लेकिन उसके आगे के हिस्से में पौधे ही गायब हो गए हैं. अधिकांश पौधे मर चुके हैं. दरअसल, यहां पर पौधरोपण करने के बाद उनकी देखरेख ही नहीं की गई.

3 बार हुआ पौधरोपण

यहां तीन बार पौधरोपण हुआ. सबसे पहले 2016 में यहां पौधरोपण किया गया था. उसके बाद 2018 में मंत्री उषा ठाकुर ने क्षेत्रीय पार्षद रहीं दीपिका नाचन व रहवासियों के साथ पौधे रोपे थे. उसके बाद फिर 2020 में यहां पौधरोपण किया गया, उस वक्त इसे सरस्वती नदी प्राकृतिक पथ के तौर पर विकसित करने की योजना बनाकर पौधे रोपे गए थे.

बाकी जगह भी खत्म हो गए पौधे

निगम ने अकेले लोखंडे ब्रिज के पास ही नहीं, बल्कि सरस्वती नदी के किनारे अमितेष नगर, स्वामी दयानंद नगर व फूलमंडी के आसपास के हिस्से में भी नदी किनारे ग्रीन पथ (हरित पथ) विकसित करने के लिए पौधे और पाथ-वे बनाया था पर इन सभी जगह भी पौधों की देखरेख नहीं की गई. इस कारण न तो पौधे पनप पाए, न ही ग्रीन पथ बन पाया. चोइथराम मंडी पुल के पास से बद्रीबाग तक के हिस्से में सघन पौधरोपण किया गया था पर वे सभी जगह फिलहाल बर्बाद हो गई है.

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