मध्य प्रदेश के खरगोन में हुए दंगों से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल इन दंगों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था. ट्रिब्यूनल ने दंगा पीड़ितों की शिकायत सुनकर एक 12 साल के लड़के को नोटिस जारी किया है. इसमें दंगे के दौरान संपत्ति के नुकसान को लेकर 2.9 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि दंगों के समय आरोपी लड़के की उम्र 11 साल थी.
बता दें कि मध्यप्रदेश प्रिवेंशन एंड रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत बनाए गए ट्रिब्यूनल में अगस्त 2022 में एक महिला ने शिकायत की थी. महिला ने आरोप लगाया था कि दंगे के दौरान उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद महिला की शिकायत पर लड़के और सात अन्य को नोटिस जारी किया था.
रामनवमी पर भीषण हिंसा
दरअसल, मध्यप्रदेश के खरगोन में इस साल रामनवमी के मौके पर दो समुदाय के बीच विवाद के बाद दंगा भड़क गया था. वहीं इस दंगे में लोगों की संपत्ति को भी निशाना बनाया गया था. जिसकी भरपाई के लिए मध्यप्रदेश प्रिवेंशन एंड रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था. इसके बाद दंगे की पीड़ित एक महिला ने अगस्त महीने में यहां शिकायत दर्ज कराई था. इसके बाद लड़के समेत सात अन्य को नोटिस जारी किया गया.
2.9 लाख रुपये का जुर्माना
इस नोटिस में लड़के की उम्र का भी जिक्र किया गया है. साथ ही उस पर 2.9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिब्यूनल के सदस्य प्रभात पाराशर ने बताया कि यह कार्रवाई नियम कानून के अनुसार ही की गई है. उन्होंने कहा कि अगर यह आपराधिक मामला होता तो बच्चे को किशोर न्याय अधिनियम का संरक्षण मिलता. ऐेसे में हम दीवानी प्रकृति के मामलों पर फैसला सुना रहे हैं, यह सिर्फ जुर्माना लगाने के बारे में है, न कि सजा देने के. उन्होंने कहा कि पैसे बच्चे के माता-पिता को देने होंगे क्योंकि वही उसके लिए जिम्मेदार हैं.
हाईकोर्ट में की अपील
वहीं लड़के के वकील अशर अली ने बताया कि नोटिस मिलने के बाद हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में याचिका दायर की गई, जिसमें इसे रद्द करने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने 12 सितंबर को ट्रिब्यूनल में जाने का विकल्प दिया. इसके बाद लड़के ने अपनी मां की तरफ से एक दिन बाद ट्रिब्यूनल में आवेदन दायर किया, जिसमें यह कहा गया कि उस पर अपराध का आरोप नहीं लगा है, ऐसे में उसे कानून के उल्लंघन का आरोपी नहीं बनाया जा सकता. हालांकि ट्रिब्ल्यूनल में आवेदन को खारिज कर दिया.