गांव में हो रहा था धर्म परिवर्तन, मिशनरियों के घुसने पर प्रतिबंध
बोर्ड लगाकर चेतावनी
भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ रहे हैं. फिलहाल ताजा मामला भोपाल के नजदीक गांव केकड़िया का है. जहां पर आदिवासियों को लालच देकर ईसाई बनाया जा रहा था. बढ़ते मामलों को देख ग्रामीणों ने गांव के बाहर बोर्ड लगाया है, जिसपर लिखा है कि गांव में लव जिहाद या धर्म परिवर्तन करवाने के आशय से ईसाई मिशनरी का प्रवेश वर्जित है. मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन या लव जिहाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसे रोकने के लिए 2020 में शिवराज सरकार ने धर्म स्वतंत्रता अधिनियम कानून भी बनाया है. मगर, इतने सख्त कानून के बावजूद भी भोपाल शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव में धर्म परिवर्तन करवाने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां 100 से ज्यादा आदिवासियों को ईसाई बनाया गया. किसी को कहा गया आप प्रार्थना करो तो ठीक हो जाएंगे. किसी को पैसे का लालच भी दिया गया. आरोपी हीरालाल के पिता ने कहा की मैं अपने बेटे को समझाता हूं मगर वो नहीं मानता है. गांव के बाहर लगा बोर्ड इस केकड़िया गांव में जब प्रवेश करते हैं तो एक बोर्ड नजर आता है.
आम तौर पर किसी गांव के बाहर इस तरह का बोर्ड दिखाई नहीं देता है. यहां लिखा है, "गांव में लव जिहाद या धर्म परिवर्तन करवाने के आशय से ईसाई मिशनरी का प्रवेश वर्जित है. गांव में हिंदू देवी देवताओं के स्थान पर किसी तरह की हानि पहुंचाने वालों का प्रवेश वर्जित है." इस गांव के साथ साथ आस-पास के गांव में करीब 100 आदिवासियों को ईसाई बनाया गया है. आरोपी की पत्नी ने कहा जीसस की प्रार्थना से स्वस्थ होते है. हीरालाल की पत्नी ने भी स्वीकार किया उसके पति 8 साल से जीसस की प्रार्थना कर रहे हैं. यहां लोग अपनी स्वेच्छा से आते हैं. प्रार्थना करते हैं और ठीक भी होते हैं. हमने किसी पर दबाव नहीं बनाया है. हमारा परिवार भी यीशु की प्रार्थना करता है. 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया -पुलिस वहीं, इस पूरे मामले में श्रुति कीर्ति सोमवंशी, एडिशनल डीसीपी का कहना है की 2016 में भी इस गांव से धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए थे. मगर फिलहाल पुलिस को सूचना मिली की एक बार फिर से यहां धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. जिसके बाद 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से प्रभु जीसस की फोटो और क्रॉस का चिन्ह मिला है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. मगर सरकार के सामने चुनौती भी है की आखिर कैसे बढ़ते धर्म परिवर्तन के मामलों को रोका जाए.