फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में राहत, विधायक जज्जी को कोर्ट से स्टे एकलपीठ ने दिए थे एपआइआर के आदेश

Update: 2022-12-22 09:48 GMT

इंदौर न्यूज़: अशोकनगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी को मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से राहत मिल गई. युगलपीठ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में एकलपीठ के आदेश पर स्टे दे दिया है. जज्जी को जवाब पेश करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है.

बता दें कि एकलपीठ ने जज्जी के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज के निर्देश दिए थे. साथ ही उनकी विधायकी समाप्त करने मप्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र जारी कर चुनाव शून्य करने के लिए कहा था. अब इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.

विधायक जज्जी की ओर से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सिंह चौहान और अधिवक्ता एसएस गौतम ने एकलपीठ के 12 दिसंबर के फैसले के खिलाफ युगलपीठ में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई में युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेश के इफेक्ट और क्रियान्वयन पर रोक लगा दी. कोर्ट ने प्रत्याशी रहे याचिकाकर्ता लड्डूराम और शासन को नोटिस जारी किए हैं. लड्डूराम कोरी ने भी कैविएट दायर की है. अगली सुनवाई के दौरान उनका भी पक्ष भी सुना जाएगा.

जज्जी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता. 2018 में जज्जी से चुनाव हारने वाले भाजपा नेता लड्डूराम कोरी ने याचिका में जज्जी के निर्वाचन को चुनौती दी थी. बीते दिनों एकलपीठ ने जज्जी के जाति प्रमाण-पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया था. यहां बता दें कि जज्जी ने 2018 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे. 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनावलड़ा और जीत हासिल की.

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