भोपाल न्यूज़: भेल दशहरा मैदान में चल रही रामकथा में रामभद्राचार्य महाराज रामवन गमन की कथा सुनाई. उन्होंने कहा कि व्यक्ति सांसारिक संबंधों में उलझा रहता है, संसार के संबंध कष्ट देते हैं, लेकिन जब आप भगवान से संबंध बनाते हो तो वे आपको भवसागर से पार कर देते हैं.
रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि चंद्रमा की नौंवी कला चंद्रिका थी, जिसका रामचंद्र ने वन लीला में उपयोग किया. चंद्रिका का स्वभाव है कि वह चंद्रमा को छोडकऱ नहीं जाती. इसी तरह रामजी के बार-बार कहने के बाद भी सीता जी रामजी को छोडकऱ नहीं जाती हैं. राम वनगमन की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा दशरथ सुमंत को कहते हैं कि रथ पर ले जाकर दो चार दिन घुमाफिराकर वापस ले आना. यदि वे नहीं आते हैं तो किशोरी को वापस ले आना.
साधना सिंह ने दर्शन कर लिया आशीर्वाद
कथा सुनने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह भी पहुंची. इस मौके पर उन्होंने महाराजश्री ने आशीर्वाद लिया. रामभद्राचार्य महाराज ने भोपाल को भोजपाल बनाने का आव्हान एक बार फिर दोहराया. उन्होंने कहा कि यदि साधना सिंह कह देंगी, तो ऐसा नहीं है कि शिवराज सिंह मना कर दें. मैं मध्य प्रदेश सरकार से कह रहा हूं, केंद्र सरकार से भी कहूंगा कि भोपाल को भोजपाल बनाने में कोई परेशानी नहीं है.