Gwalior में डेंगू से 9 साल के मासूम की मौत से स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
Gwalior ग्वालियर: जिले में डेंगू का प्रकोप बेकाबू होता जा रहा है। डेंगू से ग्वालियर में पांचवीं मौत हो गई। एक परिवार के इकलौते चिराग ने ग्वालियर से इलाज के लिए दिल्ली ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। 9 साल के अयांश को 7 अक्तूबर को बिड़ला हॉस्पिटल में डेंगू के लक्षण आने पर भर्ती किया गया था। डॉक्टर लगातार कहते रहे कि हालात में सुधार आ रहा है, लेकिन दशहरा के मौके पर रात में अचानक डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और दिल्ली ले जाने के लिए कहा। परिवार एम्बुलेंस में मासूम को दिल्ली लेकर निकला था, लेकिन धौलपुर तक ही पहुंचा था कि मासूम की जान चली गई।
एक बार फिर डेंगू ने ग्वालियर में एक मासूम की जान ले ली है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। अयांश श्रीवास्तव, ग्वालियर के थाटीपुर दर्पण कॉलोनी में रहने वाले प्रवीण श्रीवास्तव का इकलौता बेटा था। वह न्यूट्रिक स्कूल में कक्षा तीसरी का छात्र था। अयांश को कुछ समय से बुखार आ रहा था। सात अक्तूबर को उसकी हालत अचानक बिगड़ी तो उसे तत्काल परिजन ने बिड़ला हॉस्पिटल में भर्ती कराया।जहां डॉ. वीके शर्मा की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था।उसकी रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई थी। और प्लेटलेट्स भी कम हो रही थी।इसके बाद भी डॉक्टर लगातार परिवार को सही स्थिति नहीं बताते हुए हालात में सुधार की बात कह रहे थे, लेकिन असल में बच्चे की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी।
अयांश श्रीवास्तव 6 अक्टूबर को नौ साल का हुआ था।उसका जन्मदिन हर साल धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन इस बार उसकी तबीयत ठीक न होने के कारण बड़ा आयोजन नहीं किया गया।परिवार ने घर में ही छोटा सा जश्न किया और सभी ने उसकी लंबी उम्र की कामना की थी, लेकिन सात दिन बाद ही अयांश दुनिया से चला गया।
बता दें कि नौ साल के अयांश की मौत के बाद उसके पिता प्रवीण श्रीवास्तव और मां का रो-रोकर बुरा हाल है।अयांश उनका इकलौता सहारा था, लेकिन उनको यह समझ नहीं आ रहा कि वह ऐसे कैसे छोड़कर जा सकता है। परिजन ने इलाज में लापरवाही और डॉक्टरों द्वारा लगातार अयांश की हालत उनसे छुपाए रखने का आरोप भी लगाया है। परिजन का मानना है कि शायद पहले दिल्ली के लिए डिस्चार्ज कर देते तो अयांश आज जिंदा होता।
ग्वालियर में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्वालियर में जनवरी 2024 से लेकर आज तक 1030 डेंगू के मरीज सिर्फ ग्वालियर में निकल आए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हो गई है। चार मौत तो 21 सितंबर से 26 सितंबर के बीच सिर्फ पांच दिन में हो गई थीं। एक सितंबर 2024 से अभी तक 816 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 17 साल से कम उम्र वाले 396 मरीज हैं।