प्रॉपर्टी की गाइडलाइन: तीन हजार लोकेशन के प्रस्ताव मिले
मंत्रियों के प्रभार में फंसी
इंदौर: अप्रैल से लागू होने वाली जमीनों की नई गाइडलाइन के लिए काम जरूर शुरू हो गया है। इंदौर में सब रजिस्ट्रार से प्रस्ताव भी वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय को मिलने लगे हैं। लेकिन अभी भी इंदौर सहित प्रदेशभर में एक पेंच फंसा है। मामला जिलों के लिए मंत्रियों के प्रभार का है। दरअसल प्रॉपर्टी की गाइडलाइन प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही आगे बढ़ाई जाती रही है।
प्रभारी मंत्री अपने अधिकार का उपयोग करते हुए किसी विधायक को भी समिति का सदस्य मनोनीत करते आए हैं। अब तक सरकार ने जिलों के प्रभार मंत्रियों को नहीं दिए हैं। अब पंजीयन विभाग को उम्मीद है कि राज्य शासन से इस संबंध में कोई निर्देश आएंगे। तब तक हमारी ओर से प्रस्ताव और उनका मूल्यांकन किया जा रहा है। इंदौर में अब तक ग्रामीण क्षेत्रों की 3 हजार लोकेशन के प्रस्ताव मिले हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इनमें से चुनिंदा में 10 प्रतिशत तक ही गाइडलाइन दर बढ़ने की उम्मीद है। कुछ संख्या ऐसी होगी जहां यह दर 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
इंदौर-उज्जैन संभाग में अगले सप्ताह होगी जिलेवार बैठकें
इंदौर-उज्जैन संभाग की बात करें तो उपमहानिरीक्षक पंजीयन बालकृष्ण मोरे ने बताया कि 20 से 22 तक अलग-अलग जिलों में इसकी बैठक होगी। इसके बाद प्रस्ताव जिले से तैयार होकर भेजे जाएंगे। संभवत: अगले सप्ताह तक सभी जिलों के प्रस्ताव मिल जाएंगे। उल्लेखनीय है इंदौर जिले में पिछले करीब 5 हजार लोकेशन की दरें तय की गई थी।
हर साल नई विकसित होने वाली कालोनियों के रेट भी इसी गाइड लाइन में तय किए जाते है। इसके साथ ही कुछ सरकारी जमीनों के रेट भी इस बार अलग से बढ़ाए जा सकते है जो लोक परिसंपत्ति प्रबंधन अधिनियम के तहत नीलाम की जानी है। पिछले साल शासन ने इनके रेट रिव्यू करने के लिए कहा था।