गर्भवती महिला मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से डिप्रेशन में पहुंची

Update: 2022-12-09 08:19 GMT

इंदौर न्यूज़: मोबाइल के बढ़ते उपयोग और सोशल मीडिया के असर से गर्भवती भी अछूती नहीं हैं. फोन के ज्यादा इस्तेमाल से उन पर मानसिक और शारीरिक असर पड़ रहा है. हमीदिया अस्पताल में ही ऐसे दो से तीन केस रोजाना आ रहे हैं. डॉक्टरों की मानें तो दस में से दो महिलाएं पोस्टपर्टम डिप्रेशन का शिकार होती हैं. इसमें एक कारण परिवार का माहौल भी सामने आ रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार यह कॉर्टिसोल स्ट्रेस हॉर्मोन के ज्यादा उत्सर्जन के कारण होता है. इसमें समय पर सही इलाज व काउंसलिंग न मिलने से यह बच्चे की परवरिश पर असर डाल सकता है. बायोलॉजिकल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार मां खुद को लेकर नकारात्मक धारणाएं बनाने लगती हैं. इससे उनमें डर पैदा हो जाता है. साथ ही महिलाएं गर्भावस्था के दौरान व डिलीवरी के बाद खुद की तुलना दूसरी महिलाओं से करती हैं. इसके अलावा गर्भावस्था से जुड़ी अच्छी व बुरी बातें पढ़ती हैं.

गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद 10 में से 2 महिलाओं में डिप्रेशन के मामले सामने आते हैं. परिवार के लोग सचेत रहें व समय पर इलाज कराएं. -डॉ. रुचि सोनी, मनोचिकित्सा विभाग, हमीदिया

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