नालंदा न्यूज़: क्लासिकल स्वाइन फीवर से बचाव के लिए जिला पशुपालन विभाग द्वारा सुअरों को टीका लगाएगा. 8405 सुअरों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. तैयारी चल रही है.
उम्मीद है कि अगले माह से अभियान का आगाज होगा. टीकाकरण के लिए पंचायतवार टीकाकर्मियों को तैनात किया जाएगा. गांव-गांव जाकर सुअरों को टीका लगाएंगे. विभाग के आंकड़ों के अनुसार विभिन्न नस्ल के जिले में 12007 सुअर हैं. पहले फेज में कुल संख्या का 64 फीसद सुअरों को टीका लगना है. ताकि, स्वाइन फीवर से सुअरों की सुरक्षा हो सके.
टीका देने से पहले सुअरों की ईयर टैंगिंग की जाएगी. पालक का नाम, पता, मोबाइल नम्बर और सुअर के नस्ल व उम्र की पूरी जानकारी इकह्वा कर ‘इनाफ’ पोर्ट पर लोड किया जाएगा. इयर (कान) में लगाया जाना वाला टैग में 12 अंकों का यूआईडी नंबर रहेगा. साथ में वार कोड भी. देश में कहीं से भी वार कोड के माध्यम से एक क्लिक पर मवेशी का पूरा ब्योरा जाना ज सकता है. पिछले साल 300 सुअरों की हुई थी मौत पिछले साल सिलाव प्रखंड के नाहुस के सुअर फॉर्म में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की चपेट में 300 सुअर आये थे.
तीन माह के दौरान बीमारी के कारण 275 सुअर मर गये थे. बीमार सुअरों के सैंपल की जांच में जब स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई तो एहतियातन 25 बीमार सुअरों को भी मारकर मिट्टी में गाड़ दिया गया. ताकि, संक्रमण फैलने का कोई खतरा न रह सके.