एमपी में बांध टूटने की दहशत की तस्वीरें, कोई बच्चों को गोद में लेकर भागा तो कोई बकरियों को लेकर भागा...

बच्चों को गोद में लेकर भागा तो कोई बकरियों को लेकर भागा

Update: 2022-08-13 08:29 GMT

धार. मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। इतना पानी बरस रहा है कि सारे बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं और झीले लबालब हो चुकी हैं। इसी बीच धार जिले में कारम नदी पर बने कोठेरा बांध में दरार आ गई है, जिसके चलते बांध से जारी पानी का रिसाव हो रहा है। बताया जा रहा है कि पानी से भरे इस बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। टूटने के खतरे के बीच प्रशासन ने ऐहतियातन के तौर पर गांवों को खाली करा लिया है। इन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बने राहत शिविरों में भेज दिया है। लोगों में डर इस कदर है कि वह सूचना मिलते ही रात में पैदल अपना गांव छोड़ भाग गए। पढ़िए लोग चीखते हुए बोले-पता नहीं अब क्या होगा....

दरअसल, धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत इस बांध का निर्माण हुआ है। इस बांध की लंबाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। जो भारी बारिश की वजह से पानी से लबालब हो चुका है। पानी इतना भर गया कि इससे पानी का रिसाव और मिट्टी का दरकना शुरू हो गया। जिसके चलते स्थानीय लोगों की जान पर भी आफत बन गई है। प्रशासन ने डैम के आसपास के करीब 18 गांव को खाली कर दिया है। एनडीआरएफ और सीडीईआरएफ की टीमें मौके पर तैनात है, आसपास के कई जिलों की पुलिस भी पहुंच गई है।
ऐहतियातन के तौर पर एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर और आर्मी की एक कंपनी रिक्विजिशन कर स्टैंडबाय पर रखी गई है। वहीं इन गांवों के लोगों में डर बैठ गया है। उनको लगने लग है कि अब उनके घर डूब जाएंगे। आंसू बहाते हुए लोग अपने बच्चे और गाय-भैंस, सामान सबकुछ लेकर वे सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।
बता दें कि गुरुवार शाम को जैसे ही लोगों ने पुलिस की गाड़ी का सायरन और अनाउंसमेंट सुना तो गांव में अफरा-तफरी मच गई। अफसरों ने गाड़ी से उतरकर तत्काल गांव छोड़ने कानिर्देश दिया था। यह सुनकर ग्रामीण अपनी गृहस्थी को समेटने लगे, तभी पुलिसने कहा कि आप खुद को बचाएं। अगर आप सलामत रहेंगे तो सामान तो फिर बन जाएगा। सेना और पुलिस भी लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से सभी ग्रामीणों को आसपास के स्कूलों में शिफ्ट किया गया है।
इस दौरान लोगों के चेहरे पर चिंता और असमय बांध के टूटने का डर स्पष्ट नजर आ रहा था। क्योंकि उनकी सालों की बनाई गृहस्थी पानी में बह जाएगी। कोई अपने बच्चों की लिए रोटी ले जाने लगा तो किसी ने आटा और दाल-चावल की बोरी सिर पर उठा ली। इसी बीच एक 65 साल के दशरथ का कहना है कि घर पर दो रोटी खाकर बस निकल ही रहा हूं। पता नहीं फिर खाना कब नसीब हो।
इस मकान को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों में डैम फूटने का डर किस कदर बैठ गया है। ऐसे सैंकड़ों मकान हैं जिन पर अब ताला ही दिख रहा है। कई तो ऐसे लोग हैं जो अपनी बहन के यहां रक्षाबंधन का त्यौहार माने के लिए आए थे, लेकिन अब वह दहशत में गांव छोड़कर भाग गए।
जानकारी के अनुसार, करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। डैम के आसपास के गांवों में धारा 144 लगा दी गई है। जानकारी के अनुसार, करीब 18 गांवों को खाली करवा लिया गया है। प्रशासन इन लोगों को ऊंचाई वाले स्थान पर लेकर जा रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बांध टूटने की खबर लगते ही हाई लेवल मीटिंग बुलाई। स्थानीय नेताओं और अफसरों को मौके पर पहुंचने को कहा गया। वहीं मीटिंग के बाद डैम को बचाने के लिए सेना की मदद मांगी गई। सेना के जवान और NDRF की टीम हालत को संभालने के लिए मौके पर पहुंच गई है।
वहीं खबर मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट कारम बांध पहुंचे। उन्होंने बांध का जायजा लिया साथ ही अधिकारियों को आदेश दिया कि जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए।
जानकारी के मुताबिक, कारम नदी पर बन रहे डैम को बचाने के लिए डैम को खाली करने का काम शुरू कर दिया गया है। जिस जगह से पानी रिस रहा है उसे रोकने के लिए लगातार मिट्टी डाली जा रही है। कई बड़ी मशीनें लगाई गई हैं। बांध के पास से पानी निकालने के लिए एक रास्ता बनाया गया है।


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