हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज, 10 हजार रुपये का जुर्माना

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन रखने के फैसले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है।

Update: 2022-01-20 17:54 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन रखने के फैसले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। साथ ही याचिका दाखिल करने वाले पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दाखिल की है।

जस्टिस शील लागू और जस्टिस सुनीता यादव की बेंच ने यह फैसला सुनाया। याचिका सिवनी के अधिवक्ता अहमद सईद कुरैशी ने दायर की थी। इसमें कहा गया था कि 1973 में मुस्लिम गुरु हबीब मियां ने स्टेशन बनाने के लिए रेलवे को जमीन दान में दी थी। तब से इसे हबीबगंज स्टेशन के नाम से जाना जाता था। केन्द्र व राज्य सरकार की सहमत्ति से 12 नवंबर 2021 को हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया है। याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अभ्यावेदन देकर धर्म विशेष के लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा व संरक्षण की गुहार लगाई थी। अभ्यावेदन पर कोई कार्यवाही नहीं करने पर याचिका दाखिल की थी।
याचिका में मांग की गई थी कि स्टेशन का नाम पहले की तरह हबीबगंज किया जाए। इस पर बेंच ने कहा कि रेलवे स्टेशन को सार्वजनिक कारणों से बनाया जाता है। ट्रेन के सफर के लिए स्टेशन बनते हैं और उसमें सुविधाओं व गुणवत्ता अहम रहती है। सुविधा के इस काम का किसी विशेष रेलवे स्टेशन के नाम से कोई लेना-देना नहीं है। यह याचिका सस्ती लोकप्रियता के लिए दायर की गई है।
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