इंदौर न्यूज़: अव्यवस्थित बिजली मीटर और खुले तार लोगों के लिए परेशानी बन गए हैं. कई जगह बिजली के तार इस तरह फैले हैं कि लोग इनसे बचने के लिए जान जोखिम में डाल मुख्य मार्ग पर चलने को मजबूर हैं. शहर के कई चौराहों और मार्ग पर बिजली के तार खुले मिले. इन तारों के संपर्क में आने पर जान जाने का खतरा है. बिजली लाइन और मीटर का मेंटनेंस करने वाले जिम्मेदार इन खतरों से बेखबर हैं. नवलखा से भंवरकुआं जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे भी बिजली के तार खुले है कुछ तो सड़क की ओर ही खुले पड़े है.
इसके अलावा बायपास की तरफ वर्ल्ड कप चौराहे से बंगाली चौराहे या एमवायएच की और भी यही हाल है इधर से गुरजरने वाले राहगीरों को डिवाइडर से दूरी बनाकर चलना मजबूरी हो गया है. चौराहे के मुख्य डिवाइडर के बीच में लोहे के बॉक्स में बिजली मीटर और उसके तार खुले हैं. बॉक्स इस तरह लगा है कि बच्चे, श्वान और पैदल रोड क्रॉस करने वाले करंट की चपेट में आ सकते हैं. यही हाल स्कीम 140 चौराहे से वर्ल्ड कप चौराहे की तरफ फुटपाथ पर लंगे खंभो का भी है. शहर में कई जगह डिवाइडर पर पौधे लगे हैं. इन्हीं के बीच स्ट्रीट लाइन के पोल भी लगे हैं. कई पोल पर सुरक्षा मापदंड का पालन नहीं किया गया है. इन दिनों कई मार्ग पर हैं. बीआरटीएस पर भी खुले हैं तार शहर की लाइफलाइन बीआरटीएस भी इस अव्यवस्था से अछूता नहीं है. विजय नगर क्षेत्र में फुटपाथ पर कई जगह बिजली के खंभों के तार खुले हुए हैं.
काफी नीचे होने से खतरा अधिक: स्ट्रीट लाइट के खंभे और ट्रांसफार्मर पर जो तार लगे होते है उनकी ऊंचाई करीब 4 से 5 फीट ऊंची होना चाहिए, लेकिन शहर में हर जगह तार नीचे ही लटके हुए है. शहर के अधिकांश खंभो में तार काफी नीचे है जिसके कारण खतरा अधिक बना रहता है. हालत यह है कि अगर कोई दोपहिया वाहन चालक की जरा सी निगाह चूकी तो उसे बिजली का करंट लग सकता है. इसको लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियो से भी अनजान बने बैठे है. शिकायतो पर बिजली विभाग केवल लाइट के बल्ब बदल कर चले जाते है लेकिन तारो को खुला ही छोड़ देते है. जिसके कारण खतरा बरकरार बना हुआ है. ऐसे में विभाग को बिजली के तारो और ट्रांसफार्मरों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए. जिससे करंट लगने का खतरा नहीं रहे, लेकिन ऐसा फिलहाल होता नहीं दिख रहा है.