7 सिंचाई परियोजनाओं में काम के बिना अफसरों ने किया 877 करोड़ का भुगतान, EOW में केस दर्ज

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में सात सिंचाई परियोजनाओं का भ्रष्टाचार सामने आया है.

Update: 2022-04-01 11:00 GMT

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में सात सिंचाई परियोजनाओं का भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसमें आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने केस दर्ज किया है। इन परियोजनाओं में काम के बिना ही 877 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में जल संसाधान विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता राजीव सुकलीकर, अधीक्षण यंत्री शरद श्रीवास्तव और मुख्य अभियंता शिरीष मिश्रा शामिल हैं। इसमें धोखाधड़ी और अपराध का षड़यंत्र करने का मामला दर्ज किया गया है।

बताया जाता है कि जल संसाधन विभाग ने 2018-19 में सिंचाई की कुछ परियोजनाएं बनाई थीं जिनमें से कुछ देश की कुछ बड़ी कंपनियों को भी काम दिया गया था। ये परियोजनाएं सागर, बैतूल, दमोह, सिंगरौली में नहर प्रणाली विकसित करने के लिए परियोजनाओं को स्वीकृति किया था। नियम के मुताबिक इसमें बांध बनाने के िलए नहर प्रणाली विकसित कनरे की सामग्री क्रय करना था परंत जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनियों ने नहर प्रणाली में लगने वाली पाइप आदि सामग्री बांध निर्माण के पूर्व ही क्रय कर ली। साथ ही इसका भुगतान भी प्राप्त कर लिया। इसमें अधिकारियों ने शर्तों को बदलकर यह सब खेल किया।
877 करोड़ का अग्रिम भुगतान
सागर, दमोह, सिंगरौली जैसे अल्पवृष्टि वाले क्षेत्रों में किसानों को नहर के माध्यम से सिंचाई की सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से इन परियोजनाओं को बनाया गया था मगर बांध बने बिना ही नहर प्रणाली विकसित करने की सामग्री के लिए ठेकेदारों को 877 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में यह आरोप सामने आने पर राज्य शासन ने प्रकरण को ईओडब्ल्यू को सौंपा है जिसमें केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
यह है घटनाक्रम
सागर में हनौता बांध एवं पाइप नहर प्रणाली निर्माण व बंडा बांध एवं पाइप नहर प्रणाली निर्माण, सिंगरौली का गौंड बांध एवं पाइप नहर प्रणाली निर्माण, बैतूल में निरगुढ़ बांध और पाइप नहर प्रणाली निर्माण, घोघरी बांध और पाइप नहर प्रणाली निर्माण, वर्धा बांध और पाइप नहर प्रणाली निर्माण और दमोह में सीतानगर बांध व पाइप नहर प्रणाली निर्माण में ठेकेदारों ने बांध के बिना नहर प्रणाली निर्माण की सामग्री खरीदी जिसका अग्रिम भुगतान भी अधिकारियों ने कर दिया।
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