कॉलेजों में नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स शुरू होंगे : उच्च शिक्षा मंत्री

मध्य प्रदेश की की यूनिवर्सिटियों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।

Update: 2022-05-10 16:51 GMT

मध्य प्रदेश की की यूनिवर्सिटियों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।शासकीय कॉलेजों में नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने दी।

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटियों के अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की। मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय यूनिवर्सिटी के कुलपति के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, यूनिवर्सिटी में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की गई। इसमें यूनिवर्सिटी अधो संरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य योजना बनाएंगे। उनहेंने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। विक्रम विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रारंभिक तैयारी के बाद प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
डॉक्टर यादव ने बताया कि शासकीय विश्वविद्यालयों में नर्सिंग, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पैरामेडिकल के चार पाठ्यक्रम पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए थे, उनका विस्तार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय आवश्यक रूप से वर्ष में एक बार पूर्व छात्रों का सम्मेलन करेंगे और वार्षिक स्मारिका प्रकाशित करेंगे। इसमें संबद्ध महाविद्यालयों की प्रमुख उपलब्धियों का भी विवरण रहेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अपने परिक्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार को लेकर व्यापक रूप से कार्य किया जायेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कृषि से सम्बंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेंगे। सभी विश्वविद्यालयों ने सहमति दी है कि 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएँगे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 13 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन योजना-2022 का शुभारंभ प्रस्तावित है। सभी शासकीय महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों को यू-ट्यूब, एनआईसी वेबकास्ट प्रसारण से महाविद्यालय स्तर पर प्रोजेक्टर युक्त हॉल, इंटरनेट की व्यवस्था एवं छात्रों की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में चल रहे इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप पर कार्य करने चिन्हाकित किया गया है। इन केन्द्रों ने 15 नए पेटेंट भी फाइल किए है। विश्वविद्यालयों में कैंपस प्लेसमेंट को अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इस वर्ष देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 1600, विक्रम विश्वविद्यालय में 700 से अधिक और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 147 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ।
डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजी लॉकर की सुविधा के नवाचार से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों को अपने साथ हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजी लॉकर से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो सकेंगे।


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