भोपाल न्यूज़: लोगों को कॉलोनियों से मुख्य मार्ग तक आने-जाने की सुविधा देने के लिए प्रशासन ने ई-रिक्शा के संचालन की अनुमति दी थी. लेकिन अब यही ई-रिक्शा सुविधा की जगह असुविधा दे रहे हैं. परिवहन विभाग की ओर से ई-रिक्शा संचालन की कोई ठोस नीति और नियम नहीं होने का फायदा उठाकर मनमर्जी से इनका संचालन हो रहा है. जिसका खामियाजा जनता और अन्य सवारी वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.
वसूल रहे हैं मनमाना किराया: क्षेत्र के विस्तार के बाद अंदर तक कई कॉलोनियों का निर्माण हुआ, लेकिन उन कॉलोनियों तक आने-जाने के लिए लोकल परिवहन की सुविधा नहीं है. इस कारण ऑटो चालक मनमाना किराया वसूल कर रहे थे या फिर लोगों को अपने निजी वाहनों का उपयोग कर आवागमन करना पड़ता था. इन परेशानियों को ध्यान में रखकर प्रशासन ने कॉलोनियों से मुख्य मार्ग तक आने जाने के लिए कुछ साल पहले ई-रिक्शा चलाने की अनुमति दी, ताकि लोगों को सस्ती परिवहन सुविधा मिल सके. लेकिन अब यही
ई- रिक्शा, आपे और ऑटो की तरह नियमों की धज्जियां उड़ाकर संचालित हो रहे हैं. ये ई-रिक्शा, कॉलोनियों में चलाने के बजाए मुख्य सड़क पर मैजिक और सिटी बसों की तरह सवारी बैठाकर पूरे शहर में बेरोक टोक दौड़ लगा रहे हैं. मनमाना किराया वसूलते हुए क्षमता से ज्यादा सवारियों को बैठा रहे हैं.
200 से अधिक ई रिक्शा का संचालन: क्षेत्र में लगभग 200 से अधिक ई- रिक्शा का संचालन हो रहा है. पूरे शहर में इनकी संख्या 500 से अधिक होगी. इसमें हजारों लोग सफर कर रहे हैं. परिवहन विभाग से अभी तक ई-रिक्शा संचालन को लेकर कोई स्पष्ट तथा ठोस नीति, नियम नहीं बने हैं. इनके लिए कोई किराया लिस्ट भी नहीं जारी की गई है. संचालन का कोई तय रूट नहीं है, जैसा अन्य सवारी वाहनों का होता है. इसलिए इसका फायदा ई-रिक्शा चालक उठा रहे हैं.
ई- रिक्शा चालको की मनमानी की वजह से सिर्फ हमें ही नुकसान नहीं होता बल्कि स?क दुर्घटनाएं हो रही है, ट्रैफिक जाम के हालात बन रहे है. सरकार को इनके खिलाफ क?ी कर्यवाही करना चाहिए.
किशन कुमार, ड्राइवर मैजिक वाहन: ई-रिक्शा को कॉलोनियों से मुख्य मार्ग तक सवारी लाने ले जाने की अनुमति दी गई है. मुख्य मार्ग पर संचालन की अनुमति नहीं है. नियम विरुद्ध संचालन पर समय - समय पर कार्रवाई होती है. संचालन को लेकर स्पष्ट नीति और नियम बनाने बाकी हैं.
संजय तिवारी, आरटीओ