भोपाल न्यूज़: मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की भर्तियां अटकने से आए दिन आयोग मुख्यालय पर धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं. 2019 की राज्य सेवा परीक्षा को लेकर लगातार हो रहे बदलावों से तो अभ्यर्थी परेशान है ही इधर, 2020 की मेन्स देने वालों की भी मुश्किलें कम नहीं है. 10 माह से रिजल्ट का इंतजार कर रहे इन अभ्यर्थियों ने आयोग मुख्यालय का घेराव कर दिया.
ओबीसी आरक्षण के पेंच के बीच पीएससी ने 2020 की मेन्स अप्रैल-2022 में ही करा ली, लेकिन 10 माह बाद भी इसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया. इसे लेकर पूर्व में भी अभ्यर्थी कई बार अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं. नेशनल एजुकेटेड यूथ फोरम के बैनर तले अभ्यर्थी आयोग मुख्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने कहा कि नतीजों के इंतजार में वे मानसिक तनाव से जूझने के साथ भविष्य को लेकर भी फैसला नहीं कर पा रहे हैं. मालूम हो, पीएससी बार-बार 2020 की मेन्स के नतीजे जल्द जारी करने का आश्वासन दे रहा है. इन नतीजों में कोई अड़चन ना आए इसलिए दो माह पहले विधिक राय लेने का फैसला किया गया था, लेकिन पीएससी ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई.
100% पर जल्द जारी हो रिजल्ट: मेन्स का रिजल्ट 87 और 13 फीसदी के फॉर्मूले के बजाय 100 फीसदी के फॉर्मूले पर ही जारी करने की मांग भी उठी है. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के राधे जाट ने बताया कि शासन ने 87 फीसदी के साथ बीच का जो रास्ता निकालने का दावा किया है, वह संवैधानिक रूप से सही नहीं है. स्पष्ट मूल्यांकन के आधार पर पीएससी से जल्द से जल्द पहले की तरह 100 फीसदी के फॉर्मूले से ही रिजल्ट जारी करने की मांग की है.