एनएलआइयू रैगिंग मामले में तीन छात्रों को दो साल के लिए हॉस्टल से बाहर किया गया
भोपाल न्यूज़: नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआइयू) में रैगिंग के मामले में कार्रवाई की गई. दोनों पक्षों के छात्रों से पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर दोषी तीन सीनियर छात्रों को दो साल के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया है. इस मामले में 25 फरवरी को प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कुलपति डॉ. वी विजयकुमार को रिपोर्ट सौंपी थी.
ज्ञात हो कि एनएलआइयू में 19 फरवरी की रात इंदौर के आइपीएस के बेटे के साथ रैगिंग हुई थी. उस रात ओल्ड बॉयज हॉस्टल के तीन स्टूडेंट न्यू बॉयज हॉस्टल में पहुंच गए और उसे शराब पीने और पिलाने को कहा. मना करने पर सीनियर स्टूडेंट्स ने उसके साथ मारपीट की. इसकी शिकायत यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में होने के बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने जांच कर 25 फरवरी को रिपोर्ट सौंप दी.
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में नैक टीम को लेकर तैयारियां चल रही है. विश्वविद्यालय को ए ग्रेड में शामिल करने के लिए कुलपति पूरा जोर लगा रहे हैं. कहीं कोई कमी न रह जाए इस बात का डर भी है. इस कारण है कि कुलपति प्रो. सुरेश जैन ने सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के 30 मार्च तक अवकाश निरस्त कर दिए हैं,
वहीं इलेक्ट्रिकल इंजीनियर रविन्द्र शेरावत को नैक के कार्य में लापरवाही बरतने के कारण फोर्स लीव पर भेज दिया है. सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बीयू में अब 27, 28 और 29 मार्च को नैक टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा. तैयारियों का जायजा लेने के लिए कुलपति प्रो. जैन और रजिस्ट्रार अरुण चौहान ने विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया. इसमें कई विभागों में बिजली को लेकर शिकायतें मिलीं. बीयू के विभागों की बिजली व्यवस्था की जिम्मेदारी शेरावत की है.
इसके पूर्व भी शेरावत को शिकायत मिलने पर चेतावनी दी थी, लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ. इसके चलते कुलपति ने शेरावत को फोर्स लीव पर भेज दिया है. गौरतलब है कि बीयू में वर्ष 2015 के बाद अब नैक टीम का निरीक्षण हो रहा है.
24 घंटे के अंदर कार्रवाई का प्रावधान
छात्रों पर 20 दिन बाद औपचारिक कार्रवाई की है, जबकि यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का प्रावधान है.
किसी कार्यक्रम में नहीं हो सकेंगे शामिल
प्रशासन ने दोषी छात्रों को हॉस्टल से इस वर्ष और अगले वर्ष के लिए निष्कासित किया. सभी विवि के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकेंगे.
रैगिंग के मामले में यूजीसी के आदेश पर दोनों पक्षों के छात्रों से पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर दोषी तीन छात्रों पर कार्रवाई की गई है. उन्हें हॉस्टल से निष्कासित कर किसी भी गतिविधि के लिए प्रतिबंधित किया गया है. पूरी रिपोर्ट यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को भेज दी गई है.
प्रो. उदयप्रताप सिंह, चीफ वार्डन, एनएलआईयू, भोपाल