मुरली और वीडी हर जगह का करेंगे दौरा, निचले स्तर तक नेटवर्क को मजबूत करने की कवायद
भोपाल न्यूज़: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मिशन-2023 के तहत हारी सीटों को लेकर भाजपा ने माइक्रो लेवल पर काम करना तय किया है. इसके तहत इन सीटों पर अब प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का फोकस होगा. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष भी इन सीटों पर निचले स्तर तक नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक-एक कर जिलावार दौरा करेंगे. इसके लिए नए साल में ताबड़-तोड़ दौरे होंगे.
भाजपा ने चुनाव की व्यूह रचना में वोट बैंक और एरिया आधारित लक्ष्य तय किया है. हारी 103 सीटों को लेकर विशेष तौर पर काम होगा. ये वे सीटें हैं, जिन्हें भाजपा 2023 में फतह करने का लक्ष्य लेकर चलेगी. इसमें टिकट, भितरघात या कम वोट से हारने वाली सीटों को लेकर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. मुरलीधर राव खुद एक-एक कर इन सभी सीटों पर जाएंगे. वीडी शर्मा अलग से इन सीटों को लेकर बूथ स्तर का संपर्क अभियान चलाएंगे.
'कांग्रेस की 24 सीटें आ जाएं तो भी बड़ी बात है'
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह के कांग्रेस को 54 सीट मिलने से जुड़े ट्वीट पर निशाना साधा है. वीडी ने कहा कि लक्ष्मण सिंह समय-समय पर कांग्रेस को आईना दिखाते रहते हैं. हकीकत तो यह है कि कांग्रेस की 24 सीटें आ जाएं तो भी बड़ी बात. अभी 2023 आ रहा है, देखते जाइए कि कांग्रेस की क्या स्थिति होती है.
1 दौरे: जनवरी से प्रदेश में दौरे शुरू होंगे. 6 माह के भीतर सीटें कवर कर ली जाएंगी. बाद में नेताओं के चुनावी कैम्पेन शुरू होंगे.
2 समन्वय: जिन सीटों पर पिछली बार भाजपा चुनाव हार गई थी, इस बार वहां पर समन्वय को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी है.
3 चेहरे: भाजपा ने हारी सीटों पर बूथ स्तर पर युवाओं को प्राथमिकता से जोड़ना शुरू किया है. हर बूथ पर दो युवा जोड़े जाने हैं.
कांग्रेस: हारी सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश
कांग्रेस की चुनौती कमजोर सीटों पर अधिक है. वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 119 सीटें मिली थीं. उपचुनाव के बाद कांग्रेस की सीटें सिमटकर 96 हो गईं. ऐसे में कांग्रेस की बड़ी चुनौती हारी हुई सीटों पर अधिक है. यहां जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है. सर्वे का सहारा लिया जा रहा है. दूसरी ओर 50 से अधिक सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस इन्हें पूरी तरह से सुरक्षित मान रही है. इनमें से 40 सीटों पर तो मौजूदा विधायकों से कहा दिया गया है कि वे वहां मैदान संभाल लें. शेष के मामले में निर्णय होना है.