mp : विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन शामिल होंगे टीम शिवराज
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों से 100 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार रात को राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की। इसे मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि चार मंत्रियों को गुरुवार सुबह 11 बजे राज्यपाल शपथ दिला सकते हैं। क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन साधने के लिए मंत्रिमंडल में विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन को शामिल करना लगभग तय है। दो अन्य नामों पर भी विचार चल रहा है। संभावितों में राहुल लोधी और जालम सिंह पटेल का नाम चर्चा में है।
मध्य प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन के लिए चार अक्टूबर की तारीख तय की है। साफ है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में चुनावों की तारीखें घोषित हो सकती हैं। ऐसे में आचार संहिता लगने से महज डेढ़ महीने पहले टीम शिवराज में विस्तार को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन साधने के लिए ही यह कदम उठाया जा रहा है।
विंध्यः कांटे की टक्कर है, आप भी उभर रही है
2018 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा को विंध्य से सबसे अधिक फायदा हुआ था। 30 में से 24 सीटें भाजपा की झोली में गिरी थी। इसके बाद भी भाजपा ने मंत्रिमंडल में इस क्षेत्र को खासा प्रतिनिधित्व नहीं दिया। विधानसभा अध्यक्ष के अलावा इस क्षेत्र को एक मंत्री ही मिला है। इसे लेकर क्षेत्र में नाराजगी है। यह बात आंतरिक सर्वेक्षणों में भी सामने आई है। इसे ध्यान में रखते हुए रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। यहां भाजपा को कांग्रेस की चुनौती तो है ही, सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल ने महापौर का चुनाव जीतकर नई पार्टी के उदय के संकेत भी दिए हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी का फोकस क्षेत्र में बढ़ा है। वहीं, सतना जिले की मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी विंध्य को अलग प्रदेश बनाने की मांग कर सरकार के सामने चुनौती पेश करते रहे हैं।
कांग्रेस के ओबीसी कार्ड की काट चाहिए
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 51 प्रतिशत से अधिक है। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उछालकर महापौर की पांच सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस अब इसी राह पर आगे बढ़ रही है। इसी की काट के लिए भाजपा ने बालाघाट से विधायक गौरी शंकर बिसेन को फिर से मंत्री बनाने का सोचा है। बिसेन इस समय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। अगले चुनावों के लिए वे अपनी बेटी के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा लोधी समाज से राहुल लोधी और जालम सिंह पटेल का नाम भी मंत्री पद की होड़ में है। दोनों ही उमा भारती खेमे से माने जाते हैं।
कांग्रेस की नजर भी ओबीसी पर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सागर की रैली में ओबीसी और आदिवासियों को साधने के लिए जातिगत जनगणना कराने का वादा कर दिया। पिछले चुनाव में भी जातिगत मुद्दे उठाने का फायदा कांग्रेस को मिला था। सरकार भी बनाई थी। कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में लिया गया है। इसके साथ ही ओबीसी समाज को आगे किया जा रहा है। यह जताता है कि किस तरह कांग्रेस ओबीसी वोटों पर नजर बनाए हुए हैं और चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ रही है।