एमपी हाईकोर्ट ने अपात्रों को PM आवास देने का आरोप लगाने वाले पर लगाया 25 हजार रुपये का जुर्माना
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुरहानपुर के वार्ड नंबर 15 नगहिरी में पीएम आवास योजना के तहत अपात्रों को मकान आवंटित करने के आरोप लगाने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुरहानपुर के वार्ड नंबर 15 नगहिरी में पीएम आवास योजना के तहत अपात्रों को मकान आवंटित करने के आरोप लगाने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर सका कि पीएम आवास देने में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है। इस वजह से हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ और जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की बेंच के सामने आवेदक यह साबित नहीं कर सका कि अपात्रों को योजना का लाभ पहुंचाया गया है। बेंच ने इसे जनहित याचिका का दुरुपयोग मानते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी। बेंच ने उक्त राशि एक सप्ताह में कोरोना आपदा अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा करने के निर्देश दिए हैं।
यह जनहित याचिका बुरहानपुर के शहजाद अख्तर उर्फ गुड्डू मौलाना ने दायर की थी। इसमें कहा गया था कि पीएम आवास पाने के लिए लाभार्थियों ने झूठे हलफनामे दिए। मिलीभगत से यह मकान हासिल किए, और इस योजना में जनता के पैसों का दुरुपयोग हुआ है। आवेदक का कहना है कि यह मकान बेघरों और निम्न वर्ग के लोगों को उपलब्ध कराने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिनके पास पहले ही पक्के मकान हैं, उन्हें योजना का लाभ पहुंचाया गया।