उज्जैन (मध्य प्रदेश): युवा पीढ़ी को महर्षि दयानंद के जीवन दर्शन को उन मूल्यों के बारे में स्थापित करने की आवश्यकता है जिनकी आवश्यकता महर्षि दयानंद ने 200 वर्ष पहले समाज में बताई थी। उक्त विचार स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. जया मिश्रा ने आर्य समाज के घर-घर यज्ञ अभियान के समापन समारोह में व्यक्त किये। इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि डॉ. कात्यायन मिश्र ने कहा कि युवाओं को धार्मिक व देशभक्त बनने के लिए महर्षि दयानंद की विचारधारा को आत्मसात करना होगा।
अध्यक्षीय भाषण में आचार्य धर्मदेव शास्त्री ने कहा कि महर्षि ने हम सभी को जीवन की सभी बुराइयों को त्याग कर श्रेष्ठ निःस्वार्थ कर्म करने की प्रेरणा दी है। आर्य समाज वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देता है। भगवान ने हमें मनुष्य जन्म दिया है इसलिए इसी जन्म में हमें पुरुषार्थ चतुष्टय धर्म अर्थ काम मोक्ष की प्राप्ति करनी चाहिए।
वैदिक राष्ट्रीय प्रार्थना पं. राजेंद्र व्यास द्वारा प्रस्तुत की गई। प्रारंभ में नगर के 30 वैदिक परिवारों ने सामूहिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव यज्ञ एवं आहुतियां दी। होम गार्ड के जिला कमांडेंट संतोष जाट ने भी यज्ञ किया।