मेरी बात गांठ बांध लेना। 2018 में सरकार नहीं बन पाई थी फिर भी एक मिनट घर नहीं बैठे। बहुमत उनका (कांग्रेस) भी नहीं था पर सीटें ज्यादा थीं तो सोचा उनको मौका दो और आगे बढ़ो। घर से निकलकर राज्यपाल के पास गया। इस्तीफा दिया और झोेला टांगकर दूसरे दिन से काम में लग गए। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में भी माहौल ऐसा था कि मामा-मामा के नारे लग रहे थे। गड़बड़ हुई तो मामा विरोध में धरने पर बैठ गया। तभी मैंने कह दिया था कि ये मत मानना कि सब खत्म गया। टाइगर अभी जिंदा है। मस्ती से काम करते हैं। अवसाद में क्यों जाएं। आप भी कभी निराश मत होना। आत्मविश्वास और उत्साह से भरे रहें। लक्ष्य बनाओ और उसे प्राप्त करने में जुट जाओ। असफलता से घबराने की जरूरत नहीं है।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भोपाल के रवींद्र भवन के सभागार में आयोेजित सुशासन समागम में प्रदेशभर से आए यंग प्रोफेशनल से कही।