इंदौर न्यूज़: मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी में मिले डायनासोर के अंडों की दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने पुष्टि की है. जर्नल पीएलओएस वन की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने नर्मदा घाटी में 256 जीवाश्म वाले 92 स्थलों का खुलासा किया है. ये अंडे धार जिले के बाग और बड़वानी जिले के सेंधवा में मिले हैं.
शोध के मुताबिक, नर्मदा घाटी डायनासोर के कंकालों और अंडों के जीवाश्म के लिए प्रसिद्ध है. ये करोड़ों वर्ष पहले के हैं. शोधकर्ता अब डायनासोरों की आदतों का अध्ययन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने छह अलग-अलग प्रजातियों के अंडों की पहचान की है. अनुमान है कि डायनासोर उथले गड्ढों में अंडे देकर ढंक देते थे. ये पक्षियों के अंडों जैसे होते थे. इनमें एक खोल के अंदर दूसरी खोल होती थी. यह भी संकेत मिलता है कि डायनासोर से पक्षियों की उत्पत्ति हुई होगी.
राजस्थान-गुजरात में भी मिले थे : अब तक तेलंगाना, राजस्थान के जैसलमेर, गुजरात के कच्छ और नर्मदा किनारे डायनासोर के अवशेष और जीवाश्म मिल चुके हैं. नर्मदा किनारे कभी राजा सोरस व नर्मदेंसिस प्रजाति के डायनासोर होने की पुष्टि हो चुकी है. सेंधवा में जिस स्थान पर जीवाश्म मिले हैं, वहां की भौगोलिक स्थिति डायनासोर के जीवन के लिए अनुकूल बताई गई है.