उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में वैसाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर बुधवार तड़के भस्म आरती की गई। चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया फिर भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया।
कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट रुद्राक्ष व मुंड माला धारण करवाई गई। बुधवार के शृंगार की विशेष बात यह रही कि आज अष्टमी तिथि की भस्मआरती में बाबा महाकाल को श्री गणेश स्वरूप मे शृंगारित किया गया और चंदन, अबीर, गुलाल और कंकु से आलौकिक शृंगार किया गया। बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई और भोग भी लगाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल.....जय श्री गणेश की गूंज से गुंजायमान हो गया।
रजत मुकुट हुआ दान में प्राप्त
श्री महाकालेश्वर मंदिर में छत्तीसगढ़-रायपुर से आए भक्त सुभाष गुप्ता ने भगवान श्री महाकालेश्वर को मंदिर के पुरोहित सतीश शर्मा व शिवम शर्मा की प्रेरणा से 1935 ग्राम का 1 नग चांदी का मुकुट भेंट किया। इसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के दर्शन व्यवस्था प्रभारी राकेश श्रीवास्तव द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया जाकर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।