Madhya Pradesh मध्य प्रदेश: मोहन सरकार नए साल में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी में है। मंत्रालय से लेकर जिलों तक में बदलाव होंगे। विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को इसका आधार बनाया जाएगा। शासन स्तर पर खाका तैयार किया जा रहा है। पिछले साल पिछड़ने वाले अफसरों पर नए फार्मूले के आधार पर कार्रवाई होगी। मध्यप्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। सरकार ने इसमें उद्योग, कृषि-वानिकी, अधोसंरचना एवं नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवाएं, सुशासन एवं नागरिक सेवाएं तथा वित्तीय नियोजन एवं संवर्धन जैसे 8 कार्य समूह बनाए हैं। माना जा रहा है कि इन समूहों में पहले से ही कुछ काबिल अफसर हैं लेकिन कुछ का प्रदर्शन बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
- प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग एवं राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त की नियुक्ति। जिलों में विवादित हो चुके कलेक्टरों पर गाज गिरना तय, 3 साल पूरे कर चुके कलेक्टरों को भी वापस बुलाया जाना तय।
- ऐसे जिले जहां सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने सदन में गंभीर मुद्दे उठाए और सरकार एवं प्रशासन को आलोचना झेलनी पड़ी, वहां कलेक्टरों पर गाज गिरना तय।
- राजस्व महाभियान में खराब प्रदर्शन वाले कमिश्नर और कलेक्टर भी निशाने पर होंगे। खाद संकट के दौरान जिलों में बेहतर वितरण व्यवस्था न बना पाने और किसानों को समझा पाने में विफल रहे कुछ कलेक्टर भी रडार पर बताए जा रहे हैं।
- सीएम हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से मिलने वाली शिकायतों का ग्राफ कम करने के लिए ऐसे जिलों में जहां से बिना विधिक निराकरण के दोबारा बंद करने की शिकायतें मिल रही हैं, उन संबंधित अफसरों को भी बदला जा सकता है।