मध्यप्रदेश : भूमि विवाद पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

Update: 2022-06-19 09:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट(MP high court) ने एक बार फिर से राजस्व विभाग (Revenue Department) के प्रमुख सचिव के आदेश को स्थगित कर दिया है। दरअसल मध्य प्रदेश राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव ने कोटवारों (kotwars) को आजादी से पहले मिली सेवा भूमि को सरकारी घोषित किया था। जिस पर स्थगन के आदेश जारी किए गए है। साथ ही निराकरण तक यथास्थिति इसे बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

न्यायाधीश रवि मलिमथ और विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान साफ किया गया है कि सक्षम प्राधिकारी के समक्ष लंबित रहने तक कोटवारों की सेवा भूमि से छेड़छाड़ नहीं की जाएगीइतना ही नहीं हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये व्यवस्था की है कि सक्षम प्राधिकारी कोटवार की अपील पर विचार के बाद 28 फरवरी 2017 के आदेश से प्रभावित हुए बिना निर्णय लेंगे। बता दें कि इससे पहले याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा निवासी बनिया बाई मेहरा सहित 17 कोटवार की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसमें अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा शिवम शर्मा और अमित स्थापक ने दलील पेश की अपना पक्ष रखते हुए वकीलों ने कहा कि याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा और बेतूल जिला के अंतर्गत आते हैं और गांव के कोटवार हैं।मालगुजारी और जमीदारी प्रथा के जमाने में 100 साल पहले उनके पूर्वजों को सेवा भूमि दी गई थी हालांकि अब इस सेवा भूमि को पीढ़ी दर पीढ़ी खेती करके ग्राम कोटवार अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। जो इनके जीवन यापन का जरिया है। बावजूद इसके सरकार द्वारा उनकी जमीनों को सरकारी घोषित किया जा रहा है।
सोर्स-mpbreaking


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