मध्य-प्रदेश: हाईकोर्ट ने दिया चार हफ्ते का समय, कोविड के कारण नहीं हटाए गए अवैध धार्मिक स्थल
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शासकीय भूमि व सार्वजनिक स्थलों में बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने को संबंध में दायर अवमानना याचिका व स्वतः संज्ञान ली गई याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ द्वारा की गई। सरकार की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि कोविड के कारण अवैध धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया था। अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। युगलपीठ ने कार्रवाई के लिए सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
सतना बिल्डिंग निवासी सतीश वर्मा की तरफ से साल 2014 में उक्त अवमानना दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने भी साल 2018 में स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। याचिकाओं पर सोमवार को हुई संयुक्त सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सार्वजनिक स्थलों व सड़क किनारे बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है। रोड चौड़ी, नाली निर्माण या फुटपाथ में 64 अवैध धार्मिक स्थल बाधक बन हुए हैं।
जिला कलेक्टर राजनीति दवाब के कारण अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने से पीछे हट रहे हैं। कैंटोनमेंट और रेलवे और आर्मी एरिया के भी अवैध धार्मिक स्थल कलेक्टर जबलपुर की उदासीनता के कारण नहीं हटाए जा सके हैं। हटाए गए 11 अवैध धार्मिक स्थलों का पुन निर्माण किया जा रहा है।
सरकार की तरफ से अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की रिपोर्ट पेश की गई। युगलपीठ को बताया गया कि कोविड के कारण कार्रवाई रोक दी गई थी, जिसे पुन प्रारंभ किया जाएगा। युगलपीठ ने सरकार को कार्रवाई के लिए 4 सप्ताह का समय प्रदान करने हुए अगली सुनवाई 16 अगस्त को रखी है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह तथा याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा।