मध्य प्रदेश: चार साल तक राशन दुकानदार ने की 32 करोड़ के अनाज का घोटाला

गरीबों के अनाज के वितरण में निवाड़ी में चार साल से हेराफेरी की जा रही थी.

Update: 2022-03-21 08:21 GMT

गरीबों के अनाज के वितरण में निवाड़ी में चार साल से हेराफेरी की जा रही थी, और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन की 158 दुकानों से यह गड़बड़ी की गई। चार साल में करीब 32 करोड़ के अनाज की हेराफेरी की गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीोबं के अनाज वितरण में किसी भी तरह की कोताही को बर्दाश्त नहीं करने की लगातार चेतावनी दे रहे हैं। राजगढ़ में तो उन्होंने मंच से खाद्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था लेकिन इसके बाद भी लगभग हरेक कार्यक्रम में वे इसमें गड़बड़ी करने वालों को चेतावनी देते रहे हैं। मगर इसके बाद भी निवाड़ी जिले में चार साल से लगातार की जा रही गड़बड़ी के सामने आने के डेढ़ महीने बाद भी विभाग ने कलेक्टर की रिपोर्ट को दबा रखा है। कलेक्टर ने 24 जनवरी 2022 को प्रमुख सचिव को पूरी जांच रिपोर्ट भेजी है लेकिन आज तक इसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

यह है पूरा मामला
जिला प्रशासन ने जांच रिपोर्ट में माना है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित किया जाने वाला राशन गायब हो गया है।, कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में स्पष्ट उल्लेख है कि पीएसओ मशीन में खाद्यान्न वितरण दर्ज नहीं हुआ। इसमें करीब 33 करोड़़ पांच लाख 60 हजार से ज्यादा के अनाज की गड़बड़ी सामने आई। इसे कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में दंडनीय अपराध बताया गया और इसमें तत्कालीन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संदीप पांडे की भी संदिग्ध भूमिका बताई गई जो कि अभी ग्वालियर में पदस्थ हैं।
पीएस को भेजे पत्र में यह हैं प्रमुख तथ्य
- घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता।
- 158 उचित मूल्य दुकानों से गड़बड़ी।
- गेहूं 60326.24 क्विंटल, चावल 31173. 31 क्विंटल, मोटा अनाज 1343.28 क्विंटल, शक्कर 1015.326 क्विंटल, नमक 2123.358 क्विंटल, केरोसिन 66048 लीटर की अनियमितता।


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