मध्य-प्रदेश: BJP प्रवक्ता ने पूर्व CM कमलनाथ पर कसा तंज, जो अपनी सरकार नहीं बचा पाए, वे महाराष्ट्र सरकार कैसे बचाएंगे
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भोपाल । महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच बार-बार मध्य प्रदेश का नाम आने के बाद राज्य में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के कदम से संकट में फंसी उद्धव सरकार को बचाने की जिम्मेदारी जैसे ही पूर्व सीएम कमलनाथ को मिली। भाजपा ने इस मामले पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपने विधायकों की नहीं सुन सकती। वे शिवसेना विधायकों से क्या सुनेंगे? वो भी तब जब सभी विधायक बालासाहेब के सच्चे सिपाही हैं। मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कमलनाथ अपने विधायकों को नहीं बचा सके. क्या बचा पाएंगे उद्धव सरकार? इस दौरान केसवानी ने नाथ को सबसे असफल नेताओं में से एक बताया।
पूर्व सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में सभी चुनाव हारे
कमलनाथ को सबसे असफल नेताओं में से एक बताते हुए भाजपा प्रवक्ता डॉ. केसवानी ने कहा कि उनके कार्यकाल में भी कांग्रेस का प्रदर्शन पिछड़ा रहा है. लोकसभा चुनाव, उपचुनाव और अन्य चुनावों में पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई। कांग्रेस के लोग हमेशा आरोप लगाते रहे हैं कि हमारे पास न तो कोई नेता है, न कोई नीति, न ही कोई संकल्प। कांग्रेस नेता ने इसे बखूबी लागू किया है। साथ ही उद्धव सरकार को बचाने के लिए जैसे ही कमलनाथ के नाम का ऐलान हुआ। यह एक बार फिर साबित हुआ है। कमलनाथ जी 28 उपचुनाव, लोकसभा चुनाव में कोई जादू नहीं दिखा। कांग्रेस के घर-घर जाकर प्रचार को घर-घर का प्रचार अभियान बना दिया गया है। कमलनाथ मप्र की जनता से किए गए 973 वादों में से एक भी पूरा नहीं कर पाए। उनकी ओर से केवल और केवल विफलताएं हैं। जब वे एक बार महाराष्ट्र जा रहे हैं, तो वे फिर से असफल साबित होंगे।
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार की मुख्य पार्टी शिवसेना के 35 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दी है. सभी 35 विधायक सूरत पहुंच चुके हैं और इन सभी विधायकों ने अपने संपर्क नंबर भी बंद कर दिए हैं. हर किसी का मोबाइल नॉट रिसीवेबल बता रहा है। उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने महा विकास अघाड़ी सरकार के प्रमुख नेताओं के बीच आपात बैठक बुलाई और संजय रावत भी दिल्ली दौरे को छोड़कर वापस मुंबई पहुंच रहे हैं.