मध्य प्रदेश : कद्दावर नेताओं के बाद भी हारी भाजपा

। यह 57 साल बाद हो रहा है कि ग्वालियर में महल के प्रभाव से अछूता महापौर बनेगा।

Update: 2022-07-19 12:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : ग्वालियर (gwalior) में ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है। ग्वालियर से महापौर पद के लिए कांग्रेस की प्रत्याशी शोभा सिकरवार जीत गयी हैं। यह 57 साल बाद हो रहा है कि ग्वालियर में महल के प्रभाव से अछूता महापौर बनेगा।


दरअसल पिछले 57 साल की बात करें तो स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया भाजपा की फाउंडर मेंबर रही है और ग्वालियर में महापौर उन्हीं के प्रभाव से बनता था। उनके पुत्र स्वर्गीय माधवराव सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। बावजूद इसके बीजेपी ही महापौर बनाती रही। लंबे समय बाद यह मौका आया है जब शोभा सिकरवार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में महापौर बनी हैं। हालांकि यह भी निर्विवाद रूप से सत्य है कि सतीश सिकरवार के पिता भाजपा के मजबूत नेताओं में से एक हुआ करते थे लेकिन राजनीतिक प्रतिद्धता के चलते उन्हें दरकिनार कर दिया गया जिसके चलते उनके बेटे को कांग्रेस में आने का कदम उठाना पड़ा। इस जीत ने यह भी साबित कर दिया कि सतीश सिकरवार ग्वालियर चंबल अंचल में युवाओं के एक बेहद सशक्त नेता के रूप में उभरे हैं।

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