Madhya Pradesh: भस्म आरती के बाद महाकाल को बांधी राखी, शाम 4 बजे निकलेगी सावन की आखिरी सवारी
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर को रक्षाबंधन के पर्व पर सबसे पहले राखी बांधी गई। इसके साथ बाबा महाकालेश्वर की भस्मार्ती में जनेऊ पाती पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगाया गया। ऐसी मान्यता बताई जाती है कि किसी भी पर्व या त्योहार की शुरुआत बाबा महाकाल से की जाती है। सोमवार अल सुबह महाकाल का प्रथम पूजन पंचामृत पूजन , श्रृंगार के बाद भगवान को भस्म अर्पित की गई। जिसके पश्यात भगवान श्री महाकालेश्वर जी को पुजारी परिवार द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर राखी बांधी गई। उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान मंगल गीत गाते हुए बाबा महाकाल को राखी बांधकर मनाया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल के लिए करीब सात दिन में तैयार कि गई एक फीट की राखी भगवान महाकाल को बांधी। इसके पहले पुजारी घनश्याम शर्मा द्वारा महाकाल को भोग लगाकर आरती सम्पन्न की गई। इस दौरान भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू का भोग लगाया गया जो श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। बताया जा रहा है कि बेसन के लड्डू को घी और ड्राय फ्रूट से बनाया गया है।
श्रावण माह के पांचवे सोमवार हुई महाकाल भस्मरती
श्रवण माह के पांचवे सोमवार महाकाल की भस्म आरती की गई, इस दौरान अल सुबह 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। सबसे पहले सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोला गया। भगवान का श्रृंगार उतार कर पंचामृत पूजन के बाद कर्पूर की। इसके बाद नंदी हाल में लगे चांदी के पट खोले गए। नंदी हाल में नंदी जी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक़्कर शहद फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग चन्दन ड्रायफ्रूट और आभूषणों से बाबा महाकाल का राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया।
श्रवण माह के पांचवे सोमवार शाम 4 बजे बाबा महाकाल की निकलेगी पांचवी सवारी
श्रावण, भादौ में निकाली जाने वाली महाकालेश्वर की सवारियों के क्रम में पांचवीं और श्रावण की आखिरी सवारी सोमवार शाम 4 बजे निकाली जाएगी। पांचवीं सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल रहेगा। सवारी निकलने के पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडपम् में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया जाएगा। उसके बाद चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। श्रवण माह के पांचवे सोमवार श्रद्धालुओ का लगा तांता
मंदिर पुजारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस बार श्रवण माह का अजब संयोग रहा है इसकी शुरुआत सोमवार को हुई थी और इसका समापन भी सोमवार को हो रहा है। 5 सोमवार को महाकाल मंदिर में भक्तों का पता लग रहा है जहां चलित भस्म आरती में 30 हज़ार से अधिक भक्तों ने बाबा महाकाल की भस्मरती को देखा और महाकाल के जयकारे लगाए।
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि पुजारी परिवार की महिला सदस्य द्वारा बाबा महाकाल के लिए 7 दिन में राखी तैयारी की गई है।