कृष्णजन्माष्टमी मसा के सादीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने प्राप्त की थी शिक्षा
महाआरती हुई और विविध आयोजनों का दौर चल रहा है।
भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्मोत्सव विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। इस मठ पर उनके शिक्षा स्थल मसा के संदीपनी आश्रम में भी बड़ी संख्या में राक्षस पहुंच रहे हैं। ये है वो जगह जहां भगवान कृष्ण ने 64 दिन बिताए थे 64 विद्याएं और 16 कलाएं सीखी थीं। गुरु महर्षि संदीपनी का लगभग पांच हजार सात सौ से अधिक वर्षों का पुराना आश्रम और धार्मिक ग्रंथ इस बात के प्रमाण हैं कि इस आश्रम में भगवान कृष्ण अपने मामा कंस का वध करने के बाद शिक्षा प्राप्त करने आए थे। यहां उनके साथ भगवान बलराम और सुदामा ने भी शिक्षा प्राप्त की थी।
जन्माष्टमी के मठ पर मस्जिद ही नहीं आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं और विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इस आश्रम में भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा है जिसमें वह बैठे हुए बाल रूप में दर्शन देते हैं। उनके हाथ में एक स्लेट और कलम भी है। यहां जन्माष्टमी के त्योहार पर विशेष आयोजन हो रहा है, भगवान कृष्ण का पंचामृत अभिषेक किया गया, उसके बाद महाआरती हुई और विविध आयोजनों का दौर चल रहा है।
धार्मिक ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि भगवान श्री कृष्ण का युग जब 11 वर्ष सात दिन का था, तब उन्होंने अपने मामा कंस का वध कर दिया था और उसके बाद उनकी अवंतिका नगरी जिसे वर्तमान में मिसूर कहा जाता है, वहीं चले गए। यहां वे 64 दिन राह और शिक्षा प्राप्त की। इस आश्रम में जहां लोग भगवान की पूजा अर्चना करने आते हैं, वहीं पर गुरु पूर्णिमा के मौके पर भी बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को लेकर आते हैं और पहली बार दर्शन पर लिखते हैं।