ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के नाम पर ऐंठ लिए लाखों रुपए, 3 आरोपी गिरफ्तार
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच (Cyber Crime Branch) ने दिल्ली से ऑपरेट हो रहे एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है,
भोपाल| साइबर क्राइम ब्रांच (Cyber Crime Branch) ने दिल्ली से ऑपरेट हो रहे एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कोरोना काल मे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) के नाम पर लोगों को चूना लगाकर रुपए ऐंठ रहे थे. इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, साइबर क्राइम ब्रांच को भोपाल के हबीबगंज इलाके में रहने वाले अक्षय जैन ने शिकायत की थी कि उसकी खुद की ट्रू विनकॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है और सामाजिक कार्य करते है.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कुछ लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आवश्यकता होने पर अक्षय जैन ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सप्लायर का नंबर गूगल पर तलाशा. इस दौरान उसे इण्डिया मार्ट की साइट से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सप्लायर के नंबर मिले. बात करने पर उसने अपना नाम विपिन शर्मा बताया, जिसके बाद 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के कुल 18 लाख रुपये में खरीदने का सौदा तय हुआ.
विपिन शर्मा ने अपनी फर्जी ईमेल आईडी से टैक्स इनवॉइस अक्षय को भेजा और इसके आधार पर अक्षय ने 4.5 लाख के चार बार में कुल 18 लाख रुपये विपिन शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा दिए गए खाते में डाल दिए. लेकिन जब पूरे पैसे देने के बाद भी अक्षय को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं मिले तो उसने उन्हीं नम्बरों पर फोन लगाया जो बंद मिला. काफी प्रयास के बाद भी जब बात नहीं हुई तो अक्षय ने साइबर क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की.
तफ्तीश में पुलिस को मालूम हुआ कि जिन खातों में अक्षय की तरफ से रुपये डाले गए थे वे फर्जी पहचान पत्र की मदद से खोले गए थे और आरोपियों ने उसमें से रकम भी निकाल ली है. पुलिस ने इसके बाद तुरंत बैंक से संपर्क किया और आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करवाया, जिसमे अक्षय से लिए करीब 7 लाख रुपए भी जमा हैं जो जल्द ही अक्षय को वापस मिल जाएंगे.
पुलिस ने इसके बाद कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और अलीगढ़ से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और एक आरोपी को दिल्ली के शाहदरा से गिरफ्तार किया गया. आरोपियों ने बताया कि वे ठगी गई रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में कर रहे थे. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर गुरुग्राम और फरीदाबाद की जेल में भेज दिया है.