देशभर में प्रसिद्ध गधों के मेले में लगी 'कंगना' और 'आर्यन' की बोली, ज्यादा से ज्यादा व्यापारी पहुंचे
जागरूकता के लिए कोरोना वैक्सीन नाम
उज्जैन: देशभर में प्रसिद्ध गधों का मेला उज्जैन के कार्तिक मेला ग्राउंड में लगा. इस मेले में प्रदेशभर से सैकड़ों गधे और घोड़े बिकने लाए गए. जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा कंगना और आर्यन नाम के गधे की जोड़ी की रही. इस जोड़ी ने जमकर सुर्खियां बटोरीं. इस जोड़ी को एक व्यापारी ने 34 हजार रुपये में खरीद लिया. इसके अलावा कोरोना वैक्सीन नाम का गधा भी चर्चा में रहा जो 14 हजार रुपये में बिका.
दरअसल उज्जैन के शिप्रा नदी किनारे बड़नगर रोड पर करीब 100 से अधिक गधे और घोड़े बिकने के लिए लाए गए. गधों के मेले में बड़ी रौनक दिखाई दी. यहां कई बड़े-छोटे गधे और घोड़ों के खरीदार पहुंचे थे.
जागरूकता के लिए कोरोना वैक्सीन नाम
गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन लगाने में जो लोग आनाकानी कर रहे हैं, ऐसे लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए एक गधे का नाम वैक्सीन रखा गया. इस वैक्सीन नाम के गधे की कीमत 14 हजार रुपये तय की गई. मेले के सरंक्षक हरिओम प्रजापति ने बताया कि ट्रेंड में चल रही खबरों और व्यक्तियों के नाम रखने से गधों की पहचान और सौदे भी जल्दी हो जाते हैं. इसलिए ट्रेंडिंग नामों को रखा जाता है. वैक्सीन नाम भी लोगों को जागरूकता के लिए रखा गया था.
अलग-अलग राज्यों से आए
हालांकि गधों के मेले में पहले की तरह रौनक नहीं रही, धंधा जमकर नहीं हो पाया. देशभर से खरीदार इस मेले में आते थे, लेकिन इस बार प्रदेश के व्यापारी और खरीदार ही पहुंच पाए. हर साल 100 से अधिक गधे शाजापुर, सुसनेर, राजस्थान, महाराष्ट्र, जीरापुर, भोपाल, मक्सी, सारंगपुर सहित अन्य जगह से ज्यादा से ज्यादा व्यापारी मेले में पहुंचे.
दांत देखकर पता लगती है उम्र
गधों के व्यापारियों के मुताबिक, गधों को दांत देखकर खरीदा जाता है. गधे के तीन दांत होते हैं. गधे जितनी कम उम्र के होते हैं, उतना ज्यादा पैसा मिलता है. दांत का साइज भी देखा जाता है. गधों की अधिकतम उम्र चार से पांच साल होती है. बाद में वह बूढा हो जाता है.