नेमावर से शुरू की न्याय यात्रा, भारती कास्डे बोलीं- 'आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना है'

मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में हुए सामूहिक हत्याकांड में जिंदा बची बेटी ने न्याय यात्रा शुरू की है।

Update: 2022-01-01 16:43 GMT

मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में हुए सामूहिक हत्याकांड में जिंदा बची बेटी ने न्याय यात्रा शुरू की है। 11 दिनों तक भ्रमण करने के बाद ये यात्रा भोपाल पहुंचेगी। न्याय यात्रा निकाल रही बेटी की मांग है कि हर हाल में न्याय चाहिए। आरोपियों को फांसी दी जाए।

शनिवार को नेमावर से इस न्याय यात्रा की शुरुआत हुई। न्याय यात्रा से पहले पूजा की गई। यह न्याय यात्रा भारती कास्डे निकाल रही हैं जो परिवार की एकमात्र जिंदा सदस्य हैं। शेष सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस न्याय यात्रा की शुरुआत में खासी भीड़ रही। भारती कास्डे के साथ विधायक हीरालाल अलावा और सामाजिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। यह यात्रा प्रतिदिन करीब 15 किमी का सफर तय करेगी। 11वें दिन यात्रा राजभवन, भोपाल पहुंचेगी।
न्याय यात्रा की शुरुआत के मामले में भारती ने कहा कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, यह यात्रा जारी रहेगी। हम आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। सीबीआई जांच शुरू होने से न्याय नहीं हो जाता। अभी हम भोपाल तक यात्रा निकाल रहे हैं। सात महीने से हम भटक रहे थे। तब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए। जब हमने यात्रा निकालने का एलान किया, तो यह आदेश दिया गया। आगे से किसी दलित परिवार के साथ ऐसा न हो, इसलिए भी हम यात्रा निकाल रहे हैं।
यह है नेमावर हत्याकांड
गौरतलब है कि नेमावर में भारती के परिवार के सदस्यों की हत्या कर उनको जमीन में गाड़ दिया गया था। 17 मई 2021 को भारती कास्डे ने अपनी बहन रूपाली उम्र 21 वर्ष, ममता उम्र 45 वर्ष, दिव्या उम्र 14 वर्ष, पूजा उम्र 15 वर्ष और पवन उम्र 14 वर्ष के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। 27 मई 2021 को इस मामले में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने 30 जून 2021 को मनोज कोरकू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि पांचों को 13 मई को खेत पर बुलाकर हत्या की गई थी। इसके बाद 10 फीट गहरे गड्ढे में उनकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया।
इस खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई थी। दरअसल नेमावर में रहने वाले रूपाली और सुरेंद्र सिंह राजपूत के बीच प्रेम प्रसंग था। 11 मई को सुरेंद्र का जन्मदिन था और इसी रात दोनों में शादी को लेकर विवाद हो गया। रूपाली ने इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाई और सुरेंद्र की मंगेतर का फोटो और नंबर उस पर डाल दिया। इसका पता सुरेंद्र को चला तो उसने बदला लेने की ठानी। उसने रूपाली को 13 मई को फोन कर खेत पर बुलाया और उसकी हत्या कर दी। बाद में रूपाली की मां, बहन और चचेरे भाई-बहन को भी खेत पर बुलाकर उनकी हत्या कर दी। सुरेंद्र ने पहले ही 10 फीट गहरा गड्ढा खोद रखा था। उसमें पांचों की लाश को दफना दिया।
रूपाली की बहन भारती और भाई संतोष बाहर काम करते थे। जब उनकी बात घर पर नहीं हो सकी तो वे गांव आ गए। इसके बाद भारती ने ही 13 मई को पुलिस में पांचों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। इस दौरान रूपाली के फोन से भारती को मैसेज आया कि उसने शादी कर ली है, उसकी तलाश न की जाए। इसके बाद मोबाइल को ट्रेस किया गया। पुलिस ने शक के आधार पर सुरेंद्र के दोस्त मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। पुलिस ने मामले में सुरेंद्र, उसके भाई वीरेंद्र, विवेक तिवारी, मनोज कोरकू, करण कोरकू, राजकुमार को 30 जून को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरविंद कोरकू को सह-आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। सभी जेल में हैं। इसके बाद पिछले दिनों सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
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