इंदौर न्यूज़: ऑनलाइन ठगी के मामले में बैंकिंग सिस्टम की खामी उजागर हुई है. जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक को खाताधारक से वसूली नहीं करने का फैसला सुनाया है. खाताधारक के अप्लाई किए बिना बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया था. खाताधारक ने न कार्ड एक्टिवेट किया और न पिन जनरेट की. इसके बाद भी हैकर ने खाते से तीन दिन में 3 लाख 90 हजार निकाल लिए थे.
जानकारी के अनुसार, खाते से पैसे निकलने के मैसेज देख खाताधारक सारिका पति महेंद्र जैन निवासी गुमाश्ता नगर बैंक पहुंची तो बैंक ने मदद करने से इनकार कर दिया. क्राइम ब्रांच में भी मामले की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने बैंक की अन्नपूर्णा शाखा के विरुद्ध जिला उपभोक्ता आयोग में गुहार लगाई. आयोग ने बैंक को निर्देशित किया कि वह खाताधारक से राशि नहीं वसूलेगा और न कोई कार्रवाई करेगा. परिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता अरुण गुप्ता ने की. फैसला आयोग अध्यक्ष बलराम कुमार पालोदा, सदस्य कुंदनसिंह चौहान और साधना शर्मा की पीठ ने सुनाया.
दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि खाताधारक को उनकी स्वीकृति के बिना दो क्रेडिट कार्ड बैंक ने दिए थे. इसका उपयोग खाताधारक ने नहीं किया. खाते को अज्ञात व्यक्ति द्वारा हैक किया गया. ई-मेल पर ओटीपी जनरेट कर 10 जनवरी 2022 को 9 बार में करीब 2 लाख 8 हजार रुपए निकाल लिए गए. क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करने के बाद भी 11 व 12 जनवरी को पैसे निकाले गए. आयोग ने कहा कि बैंक परिवादी से किसी प्रकार की वसूली न करे. फ्रीज किया गया खाता व उसमें रखी गई समस्त धनराशि ब्याज सहित लौटाई जाए. जो राशि अवैध रूप से निकाली गई है, वह भी 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दी जाए.