एक हजार मल्टी में से आधे में लिफ्ट बंद लिफ्ट एक्ट लागू करने के दिए निर्देश
भोपाल न्यूज़: शहर में करीब एक हजार मल्टी बिल्डिंग में आवासीय सोसायटी कार्यरत हैं. यह रखरखाव के लिए प्रति सदस्य 800 से 1500 रुपए प्रतिमाह लेती हैं लेकिन, सुविधाएं आधी-अधूरी ही हैं. स्थिति ये है कि 80 फीसदी चार से पांच मंजिला भवनों में रहने वालों की आवाजाही के लिए एक या दो लिफ्ट हैं, लेकिन, इनमें से चालू एक ही रहती है. बिल न बढ़े इसलिए ऐसा होता है. कई में तो सालों पहले लिफ्ट खराब हुई तो बनी ही नहीं. न्यू मार्केट के आसपास 3 प्रमुख आवासीय भवनों में दो लिफ्ट हैं, चालू सिर्फ एक है. वहीं एम्स में बीडीए का बहुमंजिला भवन है यहां फ्लैट मालिकों ने किराए पर लिया है यहां लिफ्ट हमेशा बंद रहती है.
शहर की मल्टियों में रहने वालों की सुविधा के तहत लिफ्ट समेत अन्य उपकरणों की समय-समय पर जांच कराई जाती है. अब भी इसे कराएंगे. किसी को दिक्कत हो तो संपर्क कर सकता है.
मालती राय, महापौर
मल्टी स्टोरी बिल्डिगों में आए दिन खराब लिफ्ट को देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिफ्ट अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है, लेकिन महज 11 राज्यों में ही लिफ्ट अधिनियम लागू है. इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, बंगाल, दिल्ली, केरल, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और असम शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भी लिफ्ट की गुणवत्ता को लेकर कई मानक तैयार किए हैं, जिसे लिफ्ट कानून के तहत लागू करने की अनिवार्यता है.
इसमें लिफ्ट में सुरक्षित करने समेत अन्य मानकों का पालन करना शामिल है.