Indore: रेलवे लाइन से मालवा और निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी इलाकों का विकास होगा

रोजगार के साधन बढ़ेंगे

Update: 2024-09-05 03:51 GMT

इंदौर: इंदौर-मनमाड रेलवे प्रोजेक्ट न केवल रेल मार्ग है बल्कि मालवा-निमाड़ के आदिवासियों के लिए विकास का मार्ग भी है। इस रेलवे लाइन से मालवा और निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी इलाकों का विकास होगा। रोजगार के साधन बढ़ेंगे. इस रेलवे लाइन के पूरा होने के बाद आर्थिक गलियारे के साथ-साथ धार्मिक गलियारे का भी विकास होगा।

वाणिज्यिक, औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों का विकास होगा। -महाकालेश्वर से त्र्यंबकेश्वर तक सीधी कनेक्टिविटी होगी। चार ज्योतिर्लिंगों तक पहुंच होगी आसान. बड़वानी, खरगोन जैसे क्षेत्रों को पहली बार भारतीय रेलवे के मानचित्र में जगह मिल सकेगी।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में शामिल हुए और प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस रेलवे प्रोजेक्ट को साल 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है

प्रोजेक्ट में बनने वाले ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकेगी. इंदौर-मनमाड के बीच 34 रेलवे स्टेशन होंगे। जिनमें से चार पुराने और 30 नए बनाए जाएंगे। इन 34 स्टेशनों में से 18 स्टेशन मध्य प्रदेश में होंगे। रेलवे प्रोजेक्ट में 7 सुरंगें भी बनाई जाएंगी. इनकी कुल लंबाई करीब 17.7 किमी होगी. सबसे लंबी सुरंग 6.02 किलोमीटर लंबी होगी.

कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी

इंदौर-मनमाड रेलवे परियोजना से प्रति वर्ष 138 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। यह लगभग साढ़े पांच करोड़ पेड़ों द्वारा अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने इस रेल परियोजना के लिए प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह रेल लाइन परियोजना मालवा-निमाड़ क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री की बहुत बड़ी सौगात है।

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