Indore : इंदौर में हुए दोहरे हत्याकांड और फिर आत्महत्या के मामले में नया मोड़
इंदौर : गुरुवार सुबह इंदौर में हुए दोहरे हत्याकांड और फिर आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। सोशल मीडिया पर प्रेमी अभिषेक यादव का एक पत्र आया है जिसमें उसने बताया है कि स्नेहा जाट और वह किस तरह के रिश्ते में थे। इसमें उसने लिखा है कि वह दोनों पति पत्नी की तरह रहते थे लेकिन बाद में उनके बीच में कोई तीसरा आ गया।
हत्या के बाद जारी किया पत्र
अभिषेक यादव ने गुरुवार सुबह इंदौर के स्वामीनारायण मंदिर में प्रेमिका स्नेहा जाट और उसके दोस्त दीपक जाट की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। तीनों की मृत्यु के बाद अभिषेक का एक पत्र सोशल मीडिया पर आया है।
क्या लिखा है पत्र में...
मैं आप सभी को स्नेहा और मेरे बारे में बताने जा रहा हूं। आप मैसेज को ध्यान से पड़ना मैं जो भी बोलूंगा आपको उसका स्क्रीनशॉट भी प्रूफ में दूंगा। स्नेहा और मैं दिसंबर 2019 में रिलेशनशिप में आए। जब रिलेशन में आए तो मैंने स्नेहा को मना किया था कि मैं शादी नहीं करूंगा। इसी तरह से रिलेशनशिप में रहना है तो रह सकते हैं वरना कोई बात नहीं। इस पर उसने कहा नहीं अगर शादी करो तो ही रिलेशनशिप में रहूंगी वरना नहीं रहूंगी। इसके बाद हमारी कुछ दिनों तक बात बंद रही। कुछ दिनों बाद स्नेहा ने कहा ठीक है शादी नहीं करेंगे। इस रिलेशनशिप को ही आगे बढ़ाते हैं, मैंने कहा ठीक है। उस टाइम हमारी ज्यादा बात नहीं हुआ करती थी। उसके बाद लॉकडाउन लग गया और हमारी बातें ज्यादा से ज्यादा होने लगी। हम दिन भर एक दूसरे से बात किया करते थे जिससे हमारे बीच प्यार बढ़ गया और एक दूसरे से ज्यादा अटेचमेंट हो गया।
उसके बाद लॉकडाउन खुला और हमारा मिलना जुलना स्टार्ट हो गया। स्टार्टिंग में हम लोग रीजनल पार्क या कैफे में मिला करते थे। स्नेहा मेरे लिए हमेशा कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर आया करती थी और मुझसे कुछ भी गिफ्ट नहीं लेती थी। कहती थी मैं घर पर यह गिफ्ट नहीं ले जा सकती हूं। इसके बाद हमारा मिलना जुलना चलता रहा। हमारे बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। इसके बाद स्नेहा मुझ पर शादी करने का दवाब बनाने लगी। मैंने स्नेहा से शादी कर ली। वह शादी करने के बाद मुझे हसबैंड की तरह मानने लगी। मेरे अंदर भी उसके लिए वाइफ की फीलिंग्स आने लगी। एक दिन हम लोग देवास दर्शन करने गए तो वहां पर स्नेहा ने कहा कि माताजी के सामने मेरी मांग में सिंदूर भर दो। मैंने कहा एक बार मंदिर में शादी कर ली फिर अब क्यों करें तो कहनी लगी मांग में सिंदूर भरो वरना मैं कुछ कर लूंगी। मैंने देवास में फिर से माताजी के सामने उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। स्नेहा मेरे लिए फिर सारे उपवास करने लगी जो एक पत्नी अपने पति के लिए करती है। वह सारे सावन सोमवार का उपवास करने लगी। उसके बाद हर साल करवा चौथ का उपवास करने लगी। हमारा रिलेशन बहुत मजबूत हो गया और हम दोनों बहुत हसीं खुशी से एक दूसरे के साथ रहने लगे।
उसके बाद स्नेहा कहने लगी कोर्ट मैरिज कर लेते हैं। यहां मैंने उसे जैसे तैसे समझाया। हम दोनों की बॉन्डिंग बहुत ज्यादा अच्छी हो गई थी। हम रोज मिला करते थे। स्नेहा मेरी ज्यादा केयर करती थी हसबैंड के जैसे ट्रीट करती थी। रोज जब भी बात होती तो शादी की बात किया करती थी। कहती थी शादी के बाद ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे। हनीमून पर उस जगह जाएंगे। रोज रोज उसकी यही बातें मेरे मन पर भी असर करने लगी। मैं भी उसको अपनी वाइफ मानने लगा और सपने देखने लगा की स्नेहा सही बोल रही है। हम यह सब करेंगे। कहने लगी कभी तुमने अब मुझे छोड़ दिया तो मैं उसी दिन मर जाऊंगी। मैंने कहा अब मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा पर तेरा पता नहीं। सब कुछ अच्छा चल रहा था। स्नेहा हमेशा उसके घर के बारे में बात किया करती थी। हमरा रिलेशन बहुत अच्छा चल रहा था सब कुछ ठीक था। हम बहुत घूमते थे। 12 से 13 बार हम लोग उज्जैन और 7 से 8 बार देवास और महेश्वर के सारे वाटरफॉल गए। इंदौर की ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां पर हम दोनों नहीं गए। फिर हम दोनों के बीच कोई तीसरा इंसान आ जाता है।