उन्हेल हादसे में घायल एक बच्चे की जान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने अपना ब्लड देकर बचाई

मध्य प्रदेश के उज्जैन के उन्हेल हादसे में घायल एक बच्चे की जान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने अपना ब्लड देकर बचाई

Update: 2022-08-23 12:39 GMT

मध्य प्रदेश के उज्जैन के उन्हेल हादसे में घायल एक बच्चे की जान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने अपना ब्लड देकर बचाई. दरअसल सोमवार को नागदा उन्हेल के बीच बच्चों से भरी ट्रैक्सी का एक्सीडेंट हो गया था. हादसे में 4 बच्चों की मौत हो गई थी और 11 बच्चे घायल हुए थे. उनमें से 4 गंभीर घायल बच्चों को इंदौर रेफर किया गया था, जिनका इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. इस एक्सीडेंट में घायल बच्चे पराग जैन को बी-निगेटिव ब्लड की जरूरत थी. ये ब्लड ग्रुप बहुत दुर्लभ होने की वजह से मिल नहीं रहा था. जैसे ही सांसद को पता चला उन्होंने चौइथराम अस्पताल जाकर अपना ब्लड डोनेट किया जिससे एक बच्चे पराग जैन की जान बच गई.

हालांकि पराग जैन अभी कोमा में है, लेकिन सांसद के रक्तदान की वजह से उसे नई जिंदगी जरूर मिल गई. पराग जैन को लीवर और न्यूरो की समस्या है, जिसका इलाज किया जा रहा है और स्थिति में सुधार हो रहा है. वहीं सांसद शंकर लालवानी ने अस्पताल पहुंचकर दूसरे घायल बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली और घायल बच्चों के परिचनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों के इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. ये बच्चे बॉम्बे अस्पताल,सीएचएल हॉस्पिटल और चौइथराम अस्पताल में भर्ती हैं. इनके परिवारवालों से संपर्क में हूं. पराग जैन को स्वस्थ होने में कुछ समय लग जाएगा. एक बच्ची का ऑपरेशन होना है, लेकिन वो खतरे से बाहर है.उसकी रिकवरी जल्द हो जाएगी,दो और बच्चे खतरे से बाहर हैं. सोमवार को उज्जैन– उन्हेल-नागदा मार्ग पर नागदा के फातिमा कान्वेंट स्कूल और एगोशदीप स्कूल के 15 छात्रों से भरी तूफान ट्रैक्स वाहन की सामने से आ रहे ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई थी.
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तूफान वाहन पूरी तरह से पिचककर पलट गया था. हादसे के बाद बच्चों में चीख-पुकार मच गई थी. राहगीरों ने ट्रैक्स को रस्सी से खींचकर सीधा किया. गाड़ी में फंसे बच्चों को बमुश्किल बाहर निकाला गया और तत्काल नागदा जनसेवा अस्पताल भेजा गया, लेकिन उनमें से 4 बच्चों को नहीं बचाया जा सका, जबकि 11 बच्चों में से 4 को इंदौर रेफर किया गया और बाकि बच्चों का इलाज उज्जैन के अस्पताल में चल रहा है.


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